माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 29 जनवरी तक 6988.72 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1291 करोड़ रुपये अधिक है। प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने राजस्व संग्रहण की समीक्षा करते हुए बताया कि यह 23 प्रतिशत की विकास दर को दर्शाता है।
प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने वर्चुअल बैठक में बताया कि माइंस विभाग राज्य सरकार का प्रमुख राजस्व अर्जित करने वाला विभाग है, इसलिए वित्तीय वर्ष के शेष समय के लिए कार्यालयवार कार्ययोजना जारी कर अधिकारियों को शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने चालू और पुरानी बकाया राशि, एमनेस्टी योजना में आने वाली राशि और शास्तियों की वसूली पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। साथ ही, फील्ड स्तर पर किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त न करने की सख्त चेतावनी दी।
निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि विभाग द्वारा नियमित मॉनिटरिंग, वैध खनन को बढ़ावा देने और योजनाबद्ध ऑक्शन प्रक्रियाओं के चलते यह उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजस्व अर्जन में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
बैठक में उदयपुर जोन की राजस्व वसूली की समीक्षा की गई और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए। इस दौरान संयुक्त सचिव माइंस आशु चौधरी, ओएसडी श्रीकृष्ण शर्मा, जेएलआर गिरेन्द्र सिंह सहित मुख्यालय और उदयपुर जोन के अधिकारी मौजूद रहे।
✔ 23% की वृद्धि के साथ 6988.72 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह
✔ पिछले वर्ष की तुलना में 1291 करोड़ रुपये अधिक संग्रह
✔ चालू और पुरानी बकाया राशि की वसूली पर विशेष ध्यान
✔ खान विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
इस मजबूत राजस्व संग्रहण से राजस्थान सरकार की वित्तीय स्थिति को मजबूती मिलेगी और खनन क्षेत्र में बेहतर प्रशासनिक नियंत्रण की दिशा में नए कदम उठाए जाएंगे।