अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर दायर याचिका और उसे खारिज करने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस मामले के दौरान विवाद बढ़ता नजर आया, जब एक अधिवक्ता को कोर्ट में आने पर गोली मारने की धमकी दी गई। कोर्ट ने इस मामले की 1 मार्च आगामी सुनवाई की तारीख तय की है।
अधिवक्ता को धमकी का मामला:सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर एक व्यक्ति ने, जो खुद को मीडिया से जुड़ा बता रहा था, मामले से जुड़े एक अधिवक्ता को धमकी दी कि अगर वह कोर्ट में आया तो उसे गोली मार दी जाएगी। इस घटना ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है।
दरगाह कमेटी का तर्क और जवाब:दरगाह कमेटी ने अपनी याचिका में कहा है कि शिव मंदिर होने के दावे वाली याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस पर वादी विष्णु गुप्ता से जवाब मांगा था, जो शुक्रवार को पेश किया गया। दरगाह कमेटी ने इस जवाब पर विचार के लिए समय मांगा।
वन 10 मामले पर सुनवाई टली: अजमेर वेस्ट कोर्ट में वन 10 से संबंधित अर्जियों पर सुनवाई होनी थी, लेकिन वादी ने अधिक समय की मांग की। वादी विष्णु गुप्ता ने कहा कि उनकी याचिका में मंदिर के दावे के कई सबूत पेश किए गए हैं और इसे खारिज करने की याचिका को रद्द किया जाना चाहिए।
वर्शिप एक्ट पर तर्क:विष्णु गुप्ता ने वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह केवल मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारे पर लागू होता है। दरगाह और कब्रिस्तान पर यह एक्ट लागू नहीं होता। उनका कहना है कि दरगाह पूजा स्थल नहीं है, इसलिए यहां मंदिर होने के दावे पर विचार किया जाना चाहिए।
6 नई अर्जियां दाखिल: मामले में पक्षकार बनने के लिए टोंक से कासिफ जुबेरी, अजमेर से पीर नफीस मिया चिश्ती, काजी मुन्नवर अली, प्रिंस सेन, आरिफ अली चिश्ती और किशनगढ़ से शेख जादा अजीम मोहम्मद ने आवेदन दिया। अब तक कुल 11 प्रतिवादियों ने अपनी अर्जियां दाखिल की हैं।