अजमेर दरगाह बनाम संकट मोचन शिव मंदिर विवाद के वादी विष्णु गुप्ता ने अजमेर जिला न्यायालय में लिखित प्रार्थना पत्र देकर अपनी सुरक्षा की मांग की है। गुप्ता ने मांग की कि 24 जनवरी 2025 को सुनवाई के दौरान न्यायालय में केवल पक्षकारों और उनके अधिवक्ताओं को उपस्थित होने की अनुमति दी जाए।
वादी ने बताई असुरक्षा की स्थिति:विष्णु गुप्ता ने अपने प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया कि पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय में भीड़भाड़ के कारण असुरक्षित स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उन्होंने न्यायालय से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की अपील की है, ताकि सुनवाई के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
सनातन धर्म रक्षा संघ का समर्थन:सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु (राजस्थान) ने वादी विष्णु गुप्ता की मांग को पूरी तरह जायज बताया। संघ ने राजस्थान सरकार, पुलिस प्रशासन को सतर्क रहने की अपील की और वादी तथा संघ के पदाधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।
संघ के अध्यक्ष और पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने पुलिस अधीक्षक अजमेर को पहले ही सुरक्षा की मांग का प्रार्थना पत्र सौंपा है।
संविधान के तहत सुरक्षा का अधिकार: संघ ने कहा कि भारतीय संविधान हर नागरिक को जीवन सुरक्षा का अधिकार देता है। उन्होंने प्रशासन को आगाह किया कि घटना के बाद कार्रवाई करना बेकार है। सुरक्षा उपाय पहले ही सुनिश्चित किए जाने चाहिए।
संघ कापक्षकार बनने का निर्णय: सनातन धर्म रक्षा संघ ने यह भी घोषणा की है कि संगठन वादी के पक्षकार के रूप में न्यायालय में आवेदन करेगा।
संघ ने कहा कि यह मामला सनातन धर्म और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा से जुड़ा है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
मुख्य मांगें: सुनवाई के दौरान सीमित उपस्थिति:केवल पक्षकारों और उनके वकीलों को न्यायालय में प्रवेश की अनुमति दी जाए।
सुरक्षा उपाय: वादी, उनके सहयोगियों और संघ के पदाधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए।