थायराइड से जुड़ी समस्याएं आजकल आम होती जा रही हैं। यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है, और इसके असंतुलन से वजन बढ़ना, थकान, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोग मानते हैं कि गोभी का अधिक सेवन थायराइड की समस्या को बढ़ा सकता है। आइए, जानते हैं कि यह कितना सच है।
गोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, और इसी तरह की अन्य सब्जियों में एक प्राकृतिक तत्व 'गोइट्रोजन' पाया जाता है। यह तत्व आयोडीन के अवशोषण को प्रभावित कर सकता है। चूंकि आयोडीन थायराइड हार्मोन के निर्माण में महत्वपूर्ण है, इसका अवरोध थायराइड ग्रंथि के कार्य में बाधा डाल सकता है।
अत्यधिक मात्रा में गोभी का सेवन करने से हाइपोथायरायडिज्म की संभावना बढ़ सकती है।
हालांकि, सामान्य मात्रा में गोभी खाने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। बल्कि, यह विटामिन C, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स का एक समृद्ध स्रोत है।
तनाव: मानसिक और शारीरिक तनाव थायराइड ग्रंथि को प्रभावित कर सकता है।
हार्मोनल असंतुलन: शरीर में हार्मोन का असंतुलन थायराइड की समस्याओं को बढ़ा सकता है।
परिवारिक इतिहास: जेनेटिक कारण भी थायराइड विकारों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
योग और प्राणायाम: तनाव को कम करने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए।
प्राकृतिक उपचार: आयुर्वेदिक उपायों का सहारा लें।
थायराइड हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करना।सूजन को कम करना।शरीर को ऊर्जा प्रदान करना।
कैसे करें उपयोग:डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित रूप से इसका सेवन करें।
गोभी को थायराइड बढ़ाने का कारण मानना सही नहीं है। अगर इसे संतुलित मात्रा में खाया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। हालांकि, थायराइड की समस्या से ग्रस्त व्यक्तियों को इसका सेवन सीमित करना चाहिए।
यदि आप थायराइड संबंधी समस्याओं से परेशान हैं, तो आयुर्वेदिक समाधान जैसे थायरोनिल कैप्सूल्स का उपयोग करें। यह प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है जिससे आप अपनी सेहत को सुधार सकते हैं।
आपका स्वास्थ्य आपकी जिम्मेदारी है। इसे हल्के में न लें और संतुलित जीवनशैली अपनाएं।
डॉ. पीयूष त्रिवेदी, आयुर्वेद विशेषज्ञ, जयपुर।M No: 98280 11871