हाईकोर्ट ने गंगापुरसिटी का जिला दर्जा खत्म करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। सोमवार को उप नेता प्रतिपक्ष और गंगापुरसिटी के विधायक रामकेश मीणा समेत अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दी।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि गंगापुरसिटी का जिला दर्जा खत्म करने का सरकार का फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। याचिका में बताया गया कि गंगापुरसिटी को जिला घोषित हुए करीब डेढ़ साल हो चुके हैं। इस दौरान जिला कलेक्टर और एसपी ऑफिस स्थापित किए गए और अन्य प्रशासनिक ढांचे का भी विकास हो चुका है। ऐसे में सरकार द्वारा इसे समाप्त करना जनहित के खिलाफ है।
राज्य सरकार ने 28 दिसंबर 2024 को हुई कैबिनेट बैठक में पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा मार्च 2023 में घोषित किए गए 9 जिलों और 3 संभागों को रद्द करने का निर्णय लिया था। इस फैसले के बाद गंगापुरसिटी सहित अन्य नए जिलों का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह निर्णय राजनीतिक प्रतिशोध के कारण लिया गया है, क्योंकि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इन जिलों और संभागों का गठन किया था। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक और बुनियादी ढांचे को विकसित करने के बाद इस तरह का निर्णय जनता के साथ अन्याय है।