भरतपुर जिला प्रमुख, जिला परिषद और वार्ड-8 के चुनाव एक बार फिर चर्चा में हैं। राजस्थान हाईकोर्ट के शुक्रवार को दिए गए आदेश ने जिले की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। कोर्ट ने 60 दिन के भीतर भरतपुर जिला प्रमुख और अन्य संबंधित पदों पर चुनाव कराने के आदेश दिए हैं।
चुनाव टलने का विवाद: इससे पहले, राज्य सरकार ने दो बार भरतपुर जिला प्रमुख का चुनाव निरस्त कर दिया था, जिससे विपक्ष ने सरकार पर राजनीतिक दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
सरकार को घेरा विपक्ष ने: हाईकोर्ट के आदेश के बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर तीखा हमला किया है।
सरकार के लिए चुनौती: इस आदेश ने सरकार को चुनाव प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए बाध्य कर दिया है।
भरतपुर जिला प्रमुख और जिला परिषद के चुनाव स्थानीय विकास और राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हाईकोर्ट का यह आदेश चुनाव प्रक्रिया को तेज करने और राजनीतिक संतुलन को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।