राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने संविधान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार संविधान में निहित लोक कल्याण की मूल भावना को सर्वोपरि मानते हुए प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने संविधान को लोकतंत्र का आधार और सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय का मार्गदर्शक बताया।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा किसंविधान हमें अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी पाठ पढ़ाता है। हमारी सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा में सुधार के जरिए संविधान की मूल भावना को साकार किया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संविधान दिवस मनाने की पहल की सराहना की और संविधान निर्माण में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और अन्य संविधान शिल्पियों के योगदान को याद किया।
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि संविधान दिवस के संदेश को प्रदेशवासियों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इनमें स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का पठन, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए विशेष अभियान, और प्रतियोगिताओं का आयोजन शामिल है।
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने संविधान को "राष्ट्र की आत्मा का प्रतिबिंब" बताते हुए नागरिकों से अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने और कर्तव्यों के पालन का आह्वान किया। उन्होंने आपसी सहयोग से सुशासन की स्थापना पर जोर दिया।
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, विधि मंत्री जोगाराम पटेल, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित वरिष्ठ अधिकारी और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया।