मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान को मॉडल स्टेट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कई नवाचार एवं योजनाएं लागू की जा रही हैं।
भर्ती और पदोन्नति: अब तक लगभग 20,500 पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं।
18,000 से अधिक शिक्षकों को पदोन्नति दी गई। प्राध्यापक, पुस्तकालयाध्यक्ष और वरिष्ठ अध्यापक के 5,000 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन।दिसंबर 2024 में 515 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी जाएंगी।
शिक्षा सुविधाओं में सुधार: सभी विद्यार्थियों को 3.5 करोड़ निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें वितरित की गईं।1.25 लाख बालिकाओं को साइकिल वितरण का लक्ष्य।सरकारी और निजी विद्यालयों में ड्रेस कोड की समानता लागू करने के निर्देश।बालिका विद्यालयों में शौचालयों की मरम्मत और नए निर्माण का कार्य प्राथमिकता पर।स्कूलों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाने की योजना।
तकनीक और नवाचार:सभी शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति।
राइजिंग राजस्थान समिट के तहत शिक्षा क्षेत्र में ₹12,400 करोड़ निवेश प्रस्ताव।"हरियालो राजस्थान" और "एक पेड़ मां के नाम" अभियानों में वृक्षारोपण।1.34 करोड़ विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार कर बनाया विश्व रिकॉर्ड।
शिक्षा विभाग ने कई नवाचार किए, जिनमें शामिल हैं:
शाला स्वास्थ्य सर्वेक्षण।
प्रखर राजस्थान रीडिंग कैंपेन।
ई-पाठशाला कार्यक्रम।
पीएमश्री विद्यालय योजना।
खेल प्रतियोगिताएं।
शाला सम्बलन एप के माध्यम से शिक्षण गुणवत्ता का मूल्यांकन।
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, मुख्यमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, समग्र शिक्षा अभियान के निदेशक अविचल चतुर्वेदी, और माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।