नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने गुरुवार को कांग्रेस वॉर रूम में मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा और सरकार पर तीखा हमला बोला। जूली ने साबरमती फिल्म, नरेश मीणा एसडीएम थप्पड़ कांड, और झुंझुनूं में जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित करने की घटना को लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार गड़े मुर्दे उखाड़ने की बजाय प्रदेश की हालत पर ध्यान दे।
साबरमती फिल्म पर हमला
टीकाराम जूली ने कहा कि "पहले प्रदेश की पिक्चर सुधारें, फिर साबरमती रिपोर्ट दिखाएं।" उन्होंने याद दिलाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र मोदी को 'राजधर्म' निभाने की नसीहत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि गोधरा की घटना को टेकल न कर पाने की बात खुद शिक्षा विभाग की किताब में लिखी गई थी, जिसे बीजेपी ने क्वालिटी चेक के बहाने वापस मंगा लिया।
समरावता कांड पर सरकार को घेरा
जूली ने समरावता गांव में पुलिस कार्रवाई पर सख्त सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना की जांच और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। "ग्रामीणों को पीटने और उनके वाहनों को जलाने की घटना पर सरकार चुप क्यों है?" उन्होंने न्यायिक जांच की मांग की और सरकार पर डरने का आरोप लगाया।
झुंझुनूं घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया
झुंझुनूं में जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर डीप फ्रीज में रखने की घटना पर जूली ने इसे सरकार की लापरवाही का उदाहरण बताया। "हर विभाग में केवल खानापूर्ति हो रही है," उन्होंने कहा।
टीकाराम जूली ने कहा कि "प्रदेश में कोई नई भर्तियां नहीं हो रहीं और सरकार केवल हवाई दावे कर रही है।" उन्होंने मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर केवल घूमने और बयानबाजी में व्यस्त रहने का आरोप लगाया।