सर्वोच्च न्यायालय में बुधवार को न्याय की देवी की नई प्रतिमा लगाई गई, जिसमें बदलाव किए गए हैं। इस प्रतिमा में देवी की आंखों से पट्टी हटा दी गई है और उसके एक हाथ में तलवार की जगह संविधान ने ले ली है। यह मूर्ति सुप्रीम कोर्ट के जजों के पुस्तकालय में स्थापित की गई है। इसका उद्देश्य स्पष्ट है—देश में कानून अंधा नहीं है और गलती करने पर सख्त सजा का प्रावधान भी है।
आंखों पर पट्टी कानून के समक्ष समानता का प्रतीक है, जो यह दर्शाती है कि अदालतें व्यक्ति की संपत्ति, शक्ति या स्थिति को नहीं देखतीं। वहीं, तलवार अधिकार और अन्याय को दंडित करने की शक्ति का प्रतीक है।