वन विभाग ने वृक्षारोपण कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए तृतीय पक्ष मूल्यांकन की प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया है। बुधवार को वन मंत्री संजय शर्मा की उपस्थिति में शासन सचिवालय में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (IIFM) और एरिड फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (AFRI) के साथ वृक्षारोपण कार्यों के मूल्यांकन के लिए एमओयू किया गया।
रैंडम सैंपलिंग और पुनर्मूल्यांकन:मूल्यांकन प्रक्रिया में रैंडम सैंपलिंग के जरिए चयन किया जाएगा।एक कार्य का मूल्यांकन कई बार हो सकता है।
मानव रहित एरियल वाहन (UAV) तकनीक:कुछ कार्यस्थलों का मूल्यांकन UAV तकनीकों द्वारा भी किया जाएगा।
क्रॉस चेकिंग:तृतीय पक्ष के मूल्यांकन कार्य का 10% रैंडम चयन कर वन विभाग द्वारा क्रॉस चेकिंग की जाएगी।सत्यापन के बाद तृतीय पक्ष विभाग को मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
AFRI जोधपुर:बीकानेर और जोधपुर संभाग के 97 वृक्षारोपण कार्य (3178.97 हेक्टेयर)।
सीडेक्स जयपुर:भरतपुर और जयपुर संभाग के 77 वृक्षारोपण कार्य (3600 हेक्टेयर)।