Thursday, 09 January 2025

समस्त वृक्षारोपण कार्यों का अब तृतीय पक्ष मूल्यांकन


समस्त वृक्षारोपण कार्यों का अब तृतीय पक्ष मूल्यांकन

वन विभाग ने वृक्षारोपण कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए तृतीय पक्ष मूल्यांकन की प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया है। बुधवार को वन मंत्री संजय शर्मा की उपस्थिति में शासन सचिवालय में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (IIFM) और एरिड फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (AFRI) के साथ वृक्षारोपण कार्यों के मूल्यांकन के लिए एमओयू किया गया।

नवीन प्रक्रिया के मुख्य बिंदु:35% वृक्षारोपण कार्यों का मूल्यांकन:प्रत्येक वर्ष किए गए कुल वृक्षारोपण कार्यों में से 35% का शत-प्रतिशत तृतीय पक्ष मूल्यांकन होगा।

रैंडम सैंपलिंग और पुनर्मूल्यांकन:मूल्यांकन प्रक्रिया में रैंडम सैंपलिंग के जरिए चयन किया जाएगा।एक कार्य का मूल्यांकन कई बार हो सकता है।

मानव रहित एरियल वाहन (UAV) तकनीक:कुछ कार्यस्थलों का मूल्यांकन UAV तकनीकों द्वारा भी किया जाएगा।

क्रॉस चेकिंग:तृतीय पक्ष के मूल्यांकन कार्य का 10% रैंडम चयन कर वन विभाग द्वारा क्रॉस चेकिंग की जाएगी।सत्यापन के बाद तृतीय पक्ष विभाग को मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

संभागवार जिम्मेदारियां और कार्य:IIFM भोपाल:अजमेर, कोटा, और उदयपुर संभाग के 132 वृक्षारोपण कार्य (6342.72 हेक्टेयर) का मूल्यांकन।

AFRI जोधपुर:बीकानेर और जोधपुर संभाग के 97 वृक्षारोपण कार्य (3178.97 हेक्टेयर)।

सीडेक्स जयपुर:भरतपुर और जयपुर संभाग के 77 वृक्षारोपण कार्य (3600 हेक्टेयर)।

वन मंत्री का बयान:वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि तृतीय पक्ष मूल्यांकन से वृक्षारोपण कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। यह पहल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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