दी बार एसोसिएशन जयपुर के कर्मचारी रणवीर सिंह द्वारा फर्जी तौर पर वेलफेयर टिकट छाप कर करोड़ों रुपए के गबन का मामला सामने आया है। दी बार एसोसिएशन जयपुर अध्यक्ष पवन शर्माऔर महासचिव राजकुमार शर्मा ने सदर थाने में मामला दर्ज कराया है।
दी बार एसोसिएशन जयपुर ने कोषाध्यक्ष गजेंद्र सिंह नरूका की अगुवाई में पांच अधिवक्ताओं की जांच कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में उपकोषाध्यक्ष नवल किशोर शर्मा, कार्यकारिणी सदस्यमनीष पारीक,ऋषि राज शेखावत और अरुण कुमावत को सदस्य बनाया था। इस जांच कमेटी को दी बार एसोसिएशन जयपुर करोड रुपए के घोटाले की जांच सोपी गई है। इस जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और कहा कि इसमें करोड़ों रुपए का घोटाला है। जांच कमेटी के आधार पर हीकार्यकारिणी की बैठक मेंफैसला किया गया कि इसमेंपुलिस में मामला दर्ज कराया जाना चाहिए।इस फैसले के आधार पर ही मामला दर्ज कराया गया ।
दी बार एसोसिएशन जयपुर अध्यक्ष पवन शर्मा और महासचिव राजकुमार शर्मा ने जांच कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर ही रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। सदर थाने में दर्ज रिपोर्ट में कहा है कि हाल ही में वेलफेयर की 66000 रशीद काटी गई, जबकि हिसाब किताब 15000 रसीदों का ही मिला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 71 लाख रुपए का कोई हिसाब किताब नहीं है। वर्ष 2016 से वेलफेयर टिकट का यह घोटाला चल रहा था। लेकिन किसी भी निर्वाचित दी बार एसोसिएशन जयपुर के पदाधिकारी ने ध्यान नहीं दिया और यह कर्मचारी का घोटाला सामने नहीं आ पाया। दी बार एसोसिएशन जयपुर अध्यक्ष पवन शर्मा और महासचिव राजकुमार शर्मा ने निर्वाचन के साथ ही इस मामले की विस्तृत जांच करने का निर्णय किया है।
दी बार एसोसिएशन जयपुर इस घोटाले उजागर होने के बाद पूर्व के पदाधिकारी में हड़कंप मचा है कि यह सब घोटाला होता रहा और उन्हें जानकारी नहीं मिली। जानकार सूत्रों का कहना है कि दी बार एसोसिएशन जयपुर पूर्व के पदाधिकारी के शामिल होने की बात भी सामने आ रही है।