Tuesday, 08 July 2025

अवैध निर्माण नहीं रोकने पर जेडीसी सहित 5 अधिकारियों के खिलाफ इस्तगासा दायर, न्यायालय ने 10 जुलाई को सुनवाई तय की


अवैध निर्माण नहीं रोकने पर जेडीसी सहित 5 अधिकारियों के खिलाफ इस्तगासा दायर, न्यायालय ने 10 जुलाई को सुनवाई तय की

जयपुर। जयपुर के निर्माण नगर सी-ब्लॉक में अवैध व्यावसायिक निर्माण को नहीं रोकने पर जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के आयुक्त सहित पांच अधिकारियों और एक निजी व्यक्ति राजेन्द्र खंडेलवाल के खिलाफ महानगर मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 6, जयपुर महानगर प्रथम में इस्तगासा दायर किया गया है।

स्थानीय निर्माण नगर विकास समिति ने बताया कि खंडेलवाल ने 30 फीट चौड़ी सड़क में से 10 फीट सड़क पर कब्जा कर बिना नक्शा पास कराए व्यवसायिक निर्माण किया। शिकायत के बावजूद जयपुर विकास प्राधिकरण ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जोन-5 के अधिकारियों ने केवल खानापूर्ति करते हुए नोटिस दिया, पर निर्माण नहीं रुकवाया। समिति ने प्रकरण को JDA ट्रिब्यूनल में रेफर किया, जहां 2 अप्रैल 2025 को ट्रिब्यूनल ने प्राधिकरण को निर्देश दिए कि बिना नक्शा पास निर्माण पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

इससे पूर्व, 20 दिसंबर 2024 को समिति के अधिवक्ताओं पूनमचंद भंडारी एवं पंकज गुलाटी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय राजेन्द्र कुमार बढ़िया हत्या बनाम उत्तर प्रदेश का हवाला देकर बताया कि अवैध निर्माण रोकने में विफल रहने वाले अधिकारी सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के दोषी माने जाएंगे। इसके बावजूद न तो निर्माण रोका गया और न ही ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया की गई।

समिति ने बाद में श्याम नगर थाने में आयुक्त आनंदी, सचिव निशांत जैन, प्रवर्तन अधिकारी शिवनारायण यादव, उपायुक्त राकेश मीणा और राजेन्द्र खंडेलवाल के खिलाफ रिपोर्ट दी लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। बाद में डीसीपी तेजस्वी गौतम को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजी गई, लेकिन वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आखिरकार प्रभात चौधरी, मुरारीलाल, सतीश जैन, आर. आर. मेहता, और आर. के. श्रीवास्तव ने अदालत में परिवाद प्रस्तुत कर भारतीय न्याय संहिता की धारा 255, 259 व 61 के तहत कार्रवाई की मांग की। याचिका में आईपीसी की धारा 173 के अंतर्गत श्याम नगर पुलिस थाने को FIR दर्ज कर कार्यवाही के निर्देश देने की मांग की गई है। इस परिवाद पर अब 10 जुलाई 2025 को सुनवाई होगी।

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