चोमूं निवासी रंगमंच कलाकार सुनील सोगण को भारतीय लोक नाट्यकला में योगदान के लिए "कबीर कोहिनूर सम्मान 2025" से नवाजा जाएगा। यह सम्मान 11 जुलाई को नागौर की बड़ी खाटू में आयोजित समारोह में प्रदान किया जाएगा।
चोमूं। राजस्थान की मिट्टी में पले-बढ़े और रंगमंच की साधना में रचे-बसे चोमूं निवासी रंगमंच कलाकार व गोल्ड मेडलिस्ट सुनील सोगण को "कबीर कोहिनूर सम्मान 2025" से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह सम्मान भारतीय लोक नाट्यकला और सामाजिक रंगकर्म के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जा रहा है।
सम्मान समारोह का आयोजन 11 जुलाई को राजस्थान के नागौर जिले के बड़ी खाटू में स्थित अखिल भारतीय कबीर मठ, सतगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान के तत्वावधान में किया जाएगा। यह कार्यक्रम सतगुरु कबीर साहब की 628वीं जयंती के अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष पीठाधीश्वर महंत डॉ. नानक दास जी महाराज के सानिध्य में आयोजित होगा। इस अवसर पर देशभर के विभिन्न क्षेत्रों — कला, साहित्य, शिक्षा, पत्रकारिता, चिकित्सा और समाज सेवा में कार्यरत विशिष्ट व्यक्तित्वों को सम्मानित किया जाएगा।
सुनील सोगण को यह सम्मान निष्पक्ष ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के तहत उनके भूमिगत रंगमंचीय कार्य, लोक रंगकला के संरक्षण, और शिक्षा व सामाजिक चेतना से जुड़े मंचीय योगदान को देखते हुए प्रदान किया जा रहा है। वे वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटकों, एकल अभिनय, और बाल रंगमंच के जरिए जनजागरण का कार्य कर रहे हैं।
उनका अभिनव अभियान "शिक्षा में रंगमंच" के तहत वे विद्यालयों व महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को निशुल्क प्रशिक्षण देकर रंगमंच की नई पीढ़ी तैयार कर रहे हैं। सामाजिक मुद्दों जैसे बाल विवाह, नशा मुक्ति, महिला सशक्तिकरण, आदि पर उनके नाट्य प्रयोग सराहे जा चुके हैं।
सुनील सोगण के चयन पर रंगमंच, कला, साहित्य और शिक्षा जगत के तमाम संस्थानों, साहित्यिक व सांस्कृतिक संगठनों, रंगकर्मी साथियों, शिक्षकों और समाजसेवियों ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। यह सम्मान न केवल उनके कार्यों की मान्यता है, बल्कि रंगमंच के ज़रिए समाज परिवर्तन की दिशा में चल रहे प्रयासों का प्रतीक भी है।