जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल ही में दिए गए बयान से प्रदेश की सियासत में एक बार फिर गर्माहट आ गई है। उनके बयान पर अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के बयान, जिसमें उन्होंने मौजूदा सरकार पर दबाव में काम करने के आरोप लगाए थे, पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह ने कहा कि "संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को बिना प्रमाण के गंभीर आरोप लगाने से बचना चाहिए। इससे न केवल लोकतंत्र की मर्यादाएं टूटती हैं, बल्कि संस्थानों की साख पर भी सवाल उठते हैं।"
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि राज्य सरकार पर केंद्र से दबाव बनाया जा रहा है और "लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता प्रभावित हो रही है"। इस बयान को लेकर भाजपा नेताओं के साथ-साथ अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने भी असहमति जताई है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शेखावत ने कहा कि "यदि किसी के पास ठोस तथ्य हैं तो उन्हें सामने लाएं, अन्यथा ऐसे बयानों से जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है।"