जयपुर — जल जीवन मिशन (जेजेएम) घोटाले में जेल में बंद पूर्व मंत्री महेश जोशी को राजस्थान हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिल सकी। बुधवार को जस्टिस अनिल उपमन की अदालत ने सुनवाई से इनकार करते हुए (एक्ससेप्शन) यह मामला दूसरी बेंच को भेज दिया है। अब इस याचिका पर जुलाई महीने में सुनवाई संभावित है।
गौरतलब है कि 13 जून 2025 को ईडी मामलों की विशेष अदालत ने जोशी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
ईडी कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मामले में गंभीर आरोप हैं और जांच अभी लंबित है। इस घोटाले में सरकारी टेंडरों में फर्जी दस्तावेजों के जरिए ठेके प्राप्त करने, रिश्वतखोरी और बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप हैं।
बाजवा ने यह भी सवाल उठाया कि ईडी ने जोशी को मार्च 2024 में नोटिस देने के बाद पूरे एक साल तक चुप्पी क्यों साधी, और फिर अप्रैल 2025 में अचानक उन्हें गिरफ्तार किया। यह दर्शाता है कि गिरफ्तारी पूर्व नियोजित या राजनीतिक दबाव में की गई है।
श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने 68 टेंडर में हिस्सा लेकर 859.2 करोड़ के टेंडर हासिल किए।
श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में हिस्सा लेकर 120.25 करोड़ के टेंडर प्राप्त किए।
घोटाले की शुरुआत ACB की जांच से हुई, जिसके बाद ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया। अंततः CBI ने भी 3 मई 2024 को केस दर्ज कर लिया।