पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा द्वारा खाद-बीज की फैक्ट्रियों पर की गई छापेमारी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। गहलोत ने सोमवार को कहा कि मंत्री का खुद जाकर छापा मारना प्रशासनिक व्यवस्था की मर्यादा के विपरीत है। यह कार्य ब्यूरोक्रेसी और संबंधित एजेंसियों का है जो अपने स्तर पर पहले रेकी करती हैं, सूचनाएं एकत्र करती हैं और फिर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मंत्री खुद जाकर छापा मारते हैं, तो उसके कई बार दुष्परिणाम सामने आते हैं, जिन्हें मैं फिलहाल सार्वजनिक रूप से बताना उचित नहीं समझता। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर अब यह छापेमारी मंत्रियों का नया चलन बन गया है और यदि इन्हें हाईकमान से इसकी स्वीकृति भी मिल गई है, तो क्यों न सभी मंत्री एक साथ निकलें और अपने-अपने विभागों में कमियां तलाशें।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि अगर हर मंत्री अपने विभाग की जिम्मेदारी निभाते हुए बेईमानी, भ्रष्टाचार और मिलावटखोरी के खिलाफ इसी तरह सक्रिय हो जाए, तो वास्तव में प्रदेश में गुड गवर्नेंस की स्थापना हो सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो राजस्थान देश के सामने एक नई सुशासन की मिसाल बन सकता है। गहलोत के इस बयान को सत्तापक्ष पर एक राजनीतिक टिप्पणी और विपक्षी चेतावनी दोनों के रूप में देखा जा रहा है।