जयपुर। जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने शहर में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण और जनसुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जो 5 जून से 4 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेगा। इन आदेशों में सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता और किरायेदारों, घरेलू नौकरों व कर्मचारियों के पुलिस सत्यापन को अनिवार्य किया गया है।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर डॉ. रामेश्वर सिंह ने जानकारी दी कि शहर में कुछ व्यक्तियों के अलगाववादी, आतंकवादी या समाज विरोधी तत्व होने की आशंका के चलते पुलिस सत्यापन की अनिवार्यता जरूरी हो गई है। इसका उद्देश्य केवल अपराधों की रोकथाम ही नहीं, बल्कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देना है।
जयपुर के सभी वाणिज्यिक व वित्तीय संस्थानों जैसे बैंक, एटीएम, ज्वेलरी शॉप, मॉल, होटल, शराब दुकान, रेस्तरां, बार, स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर आदि को आदेश दिया गया है कि वे अपने परिसरों के प्रवेश-द्वारों और महत्वपूर्ण स्थानों पर उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाएं।
इन कैमरों में निम्नलिखित तकनीकी विशेषताएं होना अनिवार्य है:
नाइट विजन क्षमता
कम से कम 30 दिन की रिकॉर्डिंग स्टोरेज
पावर बैकअप
इसके साथ ही संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कैमरे लगातार चालू रहें और उनकी नियमित जांच की जाए। कैमरे लगाए जाने की सूचना एक माह के भीतर संबंधित थाना में जमा कराना आवश्यक होगा।
पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जाते या सत्यापन नहीं कराया जाता, तो संबंधित संस्थानों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने यह भी बताया कि हाल के वर्षों में घरेलू सहायकों, ड्राइवरों और चौकीदारों द्वारा हत्या, लूट और जहरखुरानी जैसी गंभीर घटनाएं सामने आई हैं, खासकर करधनी, करणी विहार, मानसरोवर और अशोक नगर थाना क्षेत्रों में। इन घटनाओं को देखते हुए, 15 दिन के भीतर कर्मचारियों और किरायेदारों का सत्यापन अनिवार्य किया गया है।
यह आदेश शहर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत, अपराधों की रोकथाम और नागरिकों के आत्मविश्वास को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।