जयपुर।राजस्थान में पर्यटन को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा रोडमैप तैयार किया है। उपमुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दिया कुमारी की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों, सांस्कृतिक धरोहरों और विरासत संरचनाओं के विकास को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक पर्यटन भवन, जयपुर में आयोजित हुई, जिसमें पर्यटन सचिव रवि जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
दिया कुमारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पर्यटन का विकास ऐसा हो जो राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर तक पहुंचाए।
झुंझुनूं में ‘वार म्यूजियम’ की स्थापना: राजस्थान के वीर सैनिकों के पराक्रम को दर्शाने के लिए झुंझुनूं में वार म्यूजियम स्थापित किया जाएगा। इसमें डिजिटल डिस्प्ले, ऐतिहासिक दस्तावेज़, और युद्ध से जुड़ी भौतिक वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। डीपीआर तैयार कर शीघ्र बजट स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अल्बर्ट हॉल को मिलेगा ‘स्मार्ट म्यूजियम’ का रूप: जयपुर का ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल संग्रहालय अब डिजिटल तकनीकों जैसे लाइट एंड साउंड शो, VR-AR तकनीक और इंटरैक्टिव डिस्प्ले से युक्त स्मार्ट म्यूजियम के रूप में विकसित होगा।
राजस्थान के किले और संग्रहालय होंगे हाईटेक: 25 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटलीकरण, RFID टैगिंग, वर्चुअल टूर और AR आधारित अपग्रेडेशन की योजना स्वीकृत की गई है। प्रथम चरण में छह माह में कार्य पूर्ण होगा।
पुष्कर के लिए ₹100 करोड़ की योजना: धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुष्कर में बड़े स्तर पर विकास योजना प्रस्तुत की गई। इसके अंतर्गत:
ब्रह्मा मंदिर कॉरिडोर
घाटों का जीर्णोद्धार
सावित्री वाटिका का विकास
थीम पार्क में लेज़र शो
डिजिटल गाइडिंग सिस्टम
ब्रह्मा से वराह चौक तक कॉरिडोर निर्माण
महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट: महाराणा प्रताप से जुड़ी ऐतिहासिक स्थलों को जोड़ते हुए एक विशिष्ट सर्किट विकसित किया जाएगा। इसके साथ-साथ ट्राइबल टूरिज्म के तहत डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और उदयपुर जिलों में जनजातीय संग्रहालय और शिल्पग्राम विकसित किए जाएंगे।
जल संरक्षण और विरासत संरक्षण पर जोर: राज्य की बावड़ियों और पारंपरिक जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए विशेषज्ञों की मदद से योजनाएं बनेंगी।
जल महल, आमेर किला और शेखावाटी की हवेलियों में विशेष संरक्षण कार्य होंगे।
धार्मिक स्थलों पर भी विकास कार्य: खाटू श्याम जी, जमवाय माता और मालासेरी डूंगरी जैसे स्थलों की टेंडर प्रक्रिया की समीक्षा की गई।
एडवेंचर टूरिज्म पॉलिसी: राज्य की एडवेंचर टूरिज्म नीति को जून 2025 में अंतिम रूप देने के निर्देश। साथ ही, राजस्थान को देश-विदेश में प्रमोट करने के लिए रोड शो की संभावनाएं तलाशने के आदेश।