उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल टेलर की निर्मम हत्या को तीन साल पूरे हो रहे हैं, लेकिन अब तक न्याय की प्रक्रिया अधूरी ही नजर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में जांच एजेंसी एनआईए (NIA) और केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि इस जघन्य हत्याकांड को भाजपा ने चुनावी मुद्दा बनाया, लेकिन दोषियों को अब तक सजा नहीं दिला पाई। उन्होंने आरोप लगाया कि NIA के पास मामला होने के बावजूद तीन साल बाद भी कोर्ट में फैसला नहीं हुआ और केस की सुनवाई तक रुकी हुई है।
NIA कोर्ट में केस विचाराधीन, छह महीने से सुनवाई नहीं: पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जयपुर स्थित NIA कोर्ट में मामला विचाराधीन है। लेकिन पिछले छह महीनों से कोर्ट में कोई तारीख तक नहीं लगी। उन्होंने बताया कि कोर्ट का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे न्यायाधीश का तबादला हो गया, जिससे सुनवाई रुक गई। इस मामले में तीन मुख्य गवाहों के बयान भी अब तक दर्ज नहीं किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से दो को जमानत भी मिल चुकी है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
राजस्थान सरकार ने तत्काल की थी कार्यवाही: पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने याद दिलाया कि घटना के बाद राजस्थान पुलिस ने मात्र 4 घंटे में मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दी थी। लेकिन भाजपा ने झूठ फैलाकर कहा कि केवल 5 लाख रुपये मुआवजा दिया गया।
राजनीति और न्याय में फर्क करें: गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल उठाया कि अगर यह मामला राजस्थान पुलिस के पास रहता तो हमारी सरकार के दौरान ही दोषियों को सजा मिल जाती। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है, पीड़ित को न्याय दिलाने का कोई इरादा नहीं लगता।
28 जून 2022 को उदयपुर के धानमंडी इलाके में कन्हैयालाल टेलर की हत्या उनकी दुकान में की गई थी। मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने मिलकर गला रेतकर हत्या की थी। एनआईए ने इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इनमें पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहिम को फरार घोषित किया गया था।
9 फरवरी 2023 को एनआईए कोर्ट ने UAPA, आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं में केस का संज्ञान लिया था, लेकिन उसके बाद से मामले में कोई विशेष प्रगति नहीं हो सकी है।