अलवर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी के अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो अब तक 150 करोड़ रुपये से अधिक की सट्टेबाजी करवा चुके हैं। यह नेटवर्क राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित भारत के कई राज्यों में फैला हुआ था। पुलिस ने 6 एंड्रॉयड मोबाइल, 2 लैपटॉप, एक हार्ड ड्राइव, 15 एटीएम कार्ड और एक एसयूवी गाड़ी जब्त की है।
अलवर एसपी संजीव नैन ने बताया कि आरोपी ऑनलाइन बैटिंग वेबसाइट्स बनाकर लोगों को फंसाते और ठगते थे। गिरोह ने 'महादेव सट्टा ऐप' की तर्ज पर 30 से अधिक फर्जी वेबसाइटें तैयार की थीं, जिनके जरिए आईपीएल, ऑनलाइन कैसीनो, मटका (जैसे फरीदाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली, जोधपुर) जैसे गैरकानूनी जुए के माध्यम उपलब्ध कराए जाते थे।
यह गिरोह केवल वेबसाइट चलाने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें डेवलपर से लेकर डिस्ट्रीब्यूटर, फाइनेंसर और हवाला नेटवर्क के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग तक पूरी संगठित श्रृंखला सक्रिय थी। 60,000 से अधिक एजेंट और सट्टेबाज इस नेटवर्क से जुड़े हुए थे, जिनके लेनदेन में 150 करोड़ रुपये से अधिक की सट्टेबाजी की पुष्टि हो चुकी है।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया में सबसे पहले साइबर सेल के हेड कांस्टेबल संदीप को मिली खुफिया सूचना के आधार पर उद्योग नगर थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान आगरा से लौटते समय आरोपी नितिन पालीवाल को पकड़ा। उसके मोबाइल और लैपटॉप से मिली तकनीकी जानकारी के आधार पर मथुरा से महेश शर्मा और पीयूष शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी हैं:नितिन पालीवाल (निवासी: स्कीम नंबर 10 बी, अलवर)महेश शर्मा (निवासी: अपनाघर शालीमार, अलवर) पीयूष शर्मा (निवासी: शिवाजी पार्क, अलवर)
पुलिस ने तीनों को चार दिन की रिमांड पर लिया है और जांच जारी है। यदि जांच में यह सिद्ध होता है कि इन आरोपियों ने सट्टेबाजी से अर्जित धन से संपत्तियां खरीदी हैं, तो उन्हें भारतीय न्याय संहिता के तहत जब्त किया जाएगा। पुलिस गिरोह के अन्य सहयोगियों और फाइनेंसरों की तलाश में भी जुटी हुई है।