कोटपूतली जिले के पावटा तहसील क्षेत्र में फर्जी डॉक्टर के रूप में चिकित्सा सेवाएं दे रहे सुनील सैनी को जिला प्रशासन ने शुक्रवार को पकड़ लिया। आरोपी पिछले 7–8 वर्षों से बिना किसी मान्यता प्राप्त डिग्री या मेडिकल लाइसेंस के ग्रामीण इलाकों में इलाज कर रहा था।
यह कार्रवाई बीसीएमओ डॉ. कृष्ण सिंह शेखावत के नेतृत्व में की गई, जिसमें पावटा तहसीलदार संजय कुमार खेदड़, ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर अरुणा मीणा और एएसआई कंवर सिंह भी शामिल थे। जांच के दौरान सामने आया कि सुनील सैनी के पास किसी भी तरह की चिकित्सकीय योग्यता अथवा पंजीकरण प्रमाण-पत्र नहीं है।
उसके क्लिनिक से बिना लाइसेंस की दवाइयां, इंजेक्शन और विभिन्न इलाज के उपकरण बरामद किए गए हैं। प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से क्लिनिक को सील कर दिया है और आरोपी के खिलाफ गैरकानूनी चिकित्सा सेवा संचालन और ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के उल्लंघन में मामला दर्ज कर लिया गया है।
जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे इलाज के लिए केवल पंजीकृत एवं योग्य डॉक्टरों से ही संपर्क करें और यदि किसी संदिग्ध चिकित्सा गतिविधि की जानकारी मिले तो उसे संबंधित विभाग को तुरंत सूचित करें। यह मामला न केवल जन स्वास्थ्य की गंभीर अनदेखी है, बल्कि कानून और चिकित्सा नैतिकता का घोर उल्लंघन भी है।