जयपुर। आजकल स्लिप डिस्क की समस्या आम हो गई है, और इसके इलाज को लेकर विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। आमतौर पर पीठ या कमर दर्द की शिकायत लेकर आए मरीजों को डॉक्टर स्लिप डिस्क का संदेह देकर एक्सरसाइज, आराम और पेन किलर लेने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या यह उपचार पर्याप्त और तर्कसंगत है?
इस संबंध में डा. पीयूष त्रिवेदी (आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, शासन सचिवालय जयपुर) का कहना है कि कई बार मरीजों को बेवजह बेडरेस्ट और दवाओं पर निर्भर कर दिया जाता है, जबकि वास्तव में स्लिप डिस्क की अधिकांश समस्याएं गंभीर नहीं होती और समय पर सही डॉक्टर से परामर्श लेकर बिना सर्जरी के ठीक की जा सकती हैं।
डा. त्रिवेदी बताते हैं कि स्पाइन संबंधी समस्याओं के लिए न्यूरोसर्जन, न्यूरोलॉजिस्ट, पेन फिजिशियन या ऑर्थोपेडिक स्पाइन स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना ही उपयुक्त होता है। अक्सर मरीज MRI रिपोर्ट देखकर इलाज शुरू कर देते हैं जबकि वास्तविक विश्लेषण MRI की फिल्म देखकर करना आवश्यक होता है, जिसे कुछ ही विशेषज्ञ पूरी तरह समझ पाते हैं।
उन्होंने बताया कि X-ray से नसों पर दबाव या डिस्क की स्थिति का सही मूल्यांकन नहीं किया जा सकता, इसलिए क्रोनिक कमर दर्द में MRI ही उपयुक्त जांच होती है।
डा. त्रिवेदी ने यह भी कहा कि जब मरीज लंबे समय तक इलाज करवाने के बावजूद राहत नहीं पाता, तो इसे 'लाइलाज' कह देना उचित नहीं है। समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब सर्जरी का डर दिखाकर मरीज को मानसिक रूप से कमजोर कर दिया जाता है। जबकि अधिकतर मामलों में ऐसी स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती है।
इस विषय पर उन्होंने एक वैकल्पिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धति—"माइक्रो एक्यूप्रेशर" का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यह तकनीक विशेष मशीन द्वारा स्पाइनल डिस्क पर बने प्रेशर को कम करती है, जिससे कुछ ही दिनों में रोगी को राहत मिलती है। उनके अनुसार, हजारों मरीजों की MRI रिपोर्ट इस तकनीक से सामान्य पाई गई है।
उन्होंने अपील की कि कोई भी व्यक्ति स्लिप डिस्क जैसी समस्याओं में घबराए नहीं और किसी योग्य विशेषज्ञ से ही परामर्श ले।
"आपका स्पाइन अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, इसका सही समय पर, सही दिशा में इलाज करवाना आपकी सेहत के लिए अनिवार्य है,"।
डॉ. पीयूष त्रिवेदी,आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारीशासन सचिवालय जयपुर । M NO: 9828011871’