जयपुर। राज्य सरकार ने बजट घोषणा के अनुरूप दौसा-बांदीकुई नगर विकास न्यास (यूआईटी) के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। यह यूआईटी न केवल दौसा और बांदीकुई शहर बल्कि भांडारेज नगर पालिका और 8 तहसीलों के 265 गांवों को भी अपने अधिकार क्षेत्र में सम्मिलित करेगी। इसका उद्देश्य दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पास एक आधुनिक लॉजिस्टिक हब विकसित करना और क्षेत्र का सुनियोजित नगरीय और औद्योगिक विकास सुनिश्चित करना है।
अब यह यूआईटी पट्टे जारी करने, भू-उपयोग परिवर्तन, सड़क नेटवर्क, ड्रेनेज प्लानिंग, भवन स्वीकृति आदि शहरी नियोजन और विकास से जुड़े सभी कार्य करेगी। जिला कलक्टर दौसा को यूआईटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है जबकि अधीक्षण अभियंता (PWD), विद्युत निगम, जलदाय विभाग, टाउन प्लानर और दौसा नगर परिषद आयुक्त को सदस्य नामित किया गया है। यूआईटी दौसा-बांदीकुई का सचिव सदस्य सचिव होगा।
राज्य सरकार ने यूआईटी के लिए अलग से पदों का सृजन करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि राज्य बजट 2024-25 में इस यूआईटी की घोषणा की गई थी, जिसे लेकर बीते कई दिनों से गांवों के समावेश को लेकर स्थानीय चर्चाएं चल रही थीं। अब इसकी पुष्टि के साथ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पास औद्योगिक निवेश और नियोजित ढांचे को बढ़ावा मिलेगा।
इस यूआईटी क्षेत्र में दौसा, बांदीकुई, बसवा, सिकराय, सैंथल, कुण्डल, लवाण और भांडारेज तहसीलों के विस्तृत ग्रामीण क्षेत्र शामिल किए गए हैं। इनमें दौसा तहसील: सूरजपुरा, मोटलवास, खेड़ली, जीरोता खुर्द, सिमलकी, भंडाना, नांगल बैरसी, मालपुरा, बाढ़ चांदराना, खैरवाल, बरखेड़ा, चावण्डेडा, सीतापुरा, चांदराना, मालीवास, चांदराना खुर्द, बिहारीपुरा, झेरा, मांगाभाटा, श्यामनगर-कालापापड़ा, प्रेमपुरा, रामनगर, जौपाड़ा, लोटवाड़ा, जयपुरा, मोडासानी, महेश्वरा खुर्द, जसोता, बनेठा, चक जसोता, महेश्वरा कलां, हाज्या का बास, बीड़, रोहड़ा, रोहड़ा खुर्द, खुरी कलां, मालगवास, खुरी खुर्द, सुदर्शनपुरा, ढाय, पालावास, पाड़ली, पाड़ली खुर्द, मित्रपुरा, अबेडकर नगर व राजपुरा।
बांदीकुई तहसील: नंदेरा, बडिय़ाल कलां, रलावता, मोटूका, रूपवास, कठनाड़ी, मूंडघिस्या, बैंसला का बास, होड़ी का गोला, गढ़ दुब्बी, तूंगड का बास, मैडी, मैडी का बास, उदेरवाडा, नानगवाडा गुजरान, चोरवाडा, बिवाई, चक बिवाई, बास बिवाई, पटवारी की कोठी, नांगलझामरवाडा, दुब्बी, सुधारनपाडा, आभानेरी, ढाणी हरिजन, जस्सापाडा, आमाली, झांझया का बास, मेघापुरा, शेखपुरा, तूरवाडा, अनन्तवाडा, सोडाला, बासडा, रामपुरागुजरान, झुपडीन, गुढलिया, बास गुढलिया, गादरवाडा गुजरान, नानगवाडा ब्राह्मणान, चांदनवास, ढोलका, भांवरा, टांटिया थैलावास, गाडंडी, रामपुरा, भांवता, भांवती, बगडेडा, अरनिया, झाडला, हरसौरा, प्रतापपुरा, अक्षयपुरी, मोराडी चक न. 1, कीरतपुरा, नागवास, मितरवाडी, मानोता, ढिगारियाटप्पाकोलेश्वर, सुमेलखुर्द, द्वारापुरा, श्यामसिंहपुरा, सुमेलकला, खूंटला, साहूपाडा, मोतीपुरा, खूंटला का बास, धनावड, ढाणी चौलालान, भोजवाडा, विजयपुरा, नयागांव, खैरया की ढाणी, कोलवा, तिगड्डा, गादरवाडा ब्राह्मणान, पीचूपाडाखुर्द, दुबलदयान का बास, अलवरियान का बास, सोमाडा, बडवाली ढाणी, चक सोमाडा, मोनाबास, पीचूपाडाकला, गूजरबास, रानी का बास, नारायणपुर, ऊनबडागांव, सकरैला की ढाणी, काच की ढाणी, कलाली का बास, हरिपुरा, झील की ढाणी, सुनगाडी, पामाडी, आशपुरा, कंवरपुरा, खेडा, खेडी, ढण्ड, थला का बास, देलाडी, धांधोलाई, नारायणपुर, भाण्डेडा, मोराडी, मोराडी चक नं. 2, मोराडी चक नं. 3।
बसवा तहसील: गुढाआशिकपुरा, कोटवालों का बास, नूरपुर, चक रैवासा, झझ्झर की ढाणी, बेधाडीगूजरान, राजाहेडा, पापडाकी, कोलाना, किशनपुरा। सिकराय तहसील: सिकन्दरा, बावनपाडा, कैलाई, भोजपुरा, दुब्बी, रेटा, गिरधरपुरा, पीलवा कलां, पीलवा खुर्द। सैंथल तहसील: विशनपुरा, होदायली, सिंहपुरा, अखैपुरा, बाढ छांगला, बापी, चैनपुरा, रामबास, तीतरवाडा कलां, तीतरवाडा खुर्द, महरों की ढाणी, पीलवा, मालियान ढाणी, काबलेश्वर, दादनका, चोरडी, शिवरामपुरा, बासड़ी खुर्द, उदावाला, बासड़ी कलां, सिंघलबास, चलाना, रामपुरा उर्फ महाराजपुरा, कोलेश्वर कलां, सैंथल, चक हबीबवाला, बाढ राजघर, हबीबवाला, भैयापुरा, बोरोदा, श्रीमाधोगोविन्दपुरा, झाझरवाला, खरताला, गुडकी, बीनावाला, हिन्दूपुरा जैसे प्रमुख गांव शामिल हैं, जो निकट भविष्य में नगरीय योजना और अधोसंरचना विकास के केन्द्र बन सकते हैं।
यह यूआईटी योजना निवेश, शहरीकरण, भूमि नियोजन, और आवासीय व औद्योगिक क्षेत्रों के समन्वित विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।