प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात दौरे के दौरान एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की चर्चा की। गांधीनगर में आयोजित शहरी विकास यात्रा के 20 वर्ष पूरे होने के मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने 22 मिनट में आतंकवाद के 9 ठिकानों को कैमरे के सामने तबाह कर दिया, ताकि कोई सबूत न मांगे।”
इस बयान को उरी हमले के बाद POK में की गई सर्जिकल स्ट्राइक से जोड़ा जा रहा है। तब विपक्ष ने सरकार से सैन्य कार्रवाई के प्रमाण मांगे थे। प्रधानमंत्री ने तीखे लहजे में कहा, “पाकिस्तान जानता है कि वो भारत से सीधी लड़ाई में नहीं जीत सकता, इसलिए वो आतंकवादी भेजता है। लेकिन अब भारत जवाब देना जानता है।”
पीएम मोदी ने यह भी जोड़ा कि मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी झंडे दिखना इस बात का प्रमाण है कि यह कोई प्रॉक्सी वॉर नहीं बल्कि सीधे पाकिस्तान की शह पर किया गया हमला था।
पीएम मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में 2 किमी लंबा रोड शो कर जनता का अभिवादन किया। इससे पहले वे भुज और वडोदरा में भी जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। सोमवार को भुज में उन्होंने पाकिस्तान को चेताया था कि सुख-चैन से जीओ, अपने हिस्से की रोटी खाओ, नहीं तो मेरी गोली तो है ही।
पीएम मोदी के इन बयानों को लोकसभा चुनाव 2024 के बाद तीसरे कार्यकाल के पहले साल की आक्रामक विदेश और सुरक्षा नीति के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही यह भी संकेत माना जा रहा है कि सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख बरकरार रखेगी।