अलवर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोमवार को भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर केंद्र सरकार की भूमिका को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत जैसे संप्रभु राष्ट्र को अमेरिकी मध्यस्थता में युद्ध रोकना पड़ा, जो देश की आत्मनिर्णय क्षमता और संप्रभुता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
प्रतिपक्ष के नेताटीकाराम जूली अलवर स्थित मोती डूंगरी कार्यालय में सोमवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि भारतीय सेना ने बहादुरी से पाकिस्तान को जवाब दिया, लेकिन अमेरिका के दबाव में युद्ध रोकना राष्ट्र के आत्मसम्मान के खिलाफ है। इतिहास गवाह है कि कभी कांग्रेस, कभी भाजपा, किसी भी सरकार ने बाहरी दबाव में युद्धविराम नहीं किया।”
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहलगाम हमले से लेकर सीजफायर तक की पूरी कड़ी में केंद्र की भूमिका संदिग्ध रही है। पूरा देश एकजुट था, विपक्ष साथ खड़ा था, लेकिन सरकार ने किसी को विश्वास में नहीं लिया। इससे जनता के बीच भ्रम की स्थिति बनी है।”
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर सर्वदलीय बैठक बुलाए और संसद का विशेष सत्र आयोजित करे, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि किस दबाव में युद्धविराम का निर्णय लिया गया और
आगे की रणनीति क्या होगी।”