Monday, 05 May 2025

ब्रिटेन और भारत के बीच नए सांस्कृतिक सहयोग को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर: कोहिनूर हीरे को भारत के साथ साझा किया जा सकता है: लिसा नंदी


ब्रिटेन और भारत के बीच नए सांस्कृतिक सहयोग को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर: कोहिनूर हीरे को भारत के साथ साझा किया जा सकता है: लिसा नंदी

ब्रिटेन की संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री लिसा नंदी ने भारत दौरे के दौरान कोहिनूर हीरे को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत के साथ कोहिनूर जैसी सांस्कृतिक धरोहरों की साझी पहुंच पर गंभीरता से विचार कर रहा है। यह बयान उन्होंने कोहिनूर को लौटाने की भारत की लंबे समय से जारी मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया।

लिसा नंदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस विषय पर लंबे समय से संवाद जारी है और उद्देश्य यह है कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों तक दोनों देशों के नागरिकों की आसान पहुंच सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और ब्रिटेन फिल्म, संगीत, फैशन, गेमिंग जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में भी साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर प्रभावी कार्य कर सकते हैं।

नई दिल्ली यात्रा के दौरान लिसा नंदी ने भारत के पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ एक नए सांस्कृतिक सहयोग एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच कला, विरासत और रचनात्मक व्यवसायों में दीर्घकालिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

कोहिनूर हीरे का ऐतिहासिक महत्व उल्लेखनीय है। यह हीरा लगभग 800 वर्ष पहले आंध्र प्रदेश की गोलकुंडा खदान से निकाला गया था और तब यह 186 कैरेट का था। बाद में इसे कई बार तराशा गया और आज इसका वजन 105.6 कैरेट है। भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान यह हीरा ब्रिटेन ले जाया गया और 1937 में महारानी एलिजाबेथ के मुकुट का हिस्सा बना। भारत इसे अपनी सांस्कृतिक विरासत मानता है और वर्षों से इसकी वापसी की मांग करता रहा है।

लिसा नंदी के बयान से उम्मीद बंधी है कि आने वाले समय में संयुक्त प्रदर्शनी, सांस्कृतिक विनिमय, और धरोहर साझेदारी के जरिए भारत को कोहिनूर जैसे दुर्लभ ऐतिहासिक रत्नों को करीब से देखने और साझा अनुभव करने का अवसर मिल सकता है।

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