अलवर जिले के बहरोड़ के ऊंटोली गांव में रविवार को आयोजित एक जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव उस समय नाराज हो गए जब कुछ महिलाओं ने भाषण के दौरान पानी की समस्या को लेकर आवाज उठाई। मंत्री ने मंच से स्पष्ट कहा, "मैं धैर्यवान आदमी हूं, लेकिन बदतमीजी बर्दाश्त नहीं करूंगा। ऐसे बात नहीं हो सकती।" इस पर सभा में कुछ देर के लिए सन्नाटा छा गया।
कार्यक्रम में भूपेंद्र यादव ‘सांसद संपर्क योजना’ के तहत जनता से संवाद कर रहे थे। इसी दौरान जब एक महिला ने पानी की समस्या उठाई तो स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब में कहा किअगले सरपंच चुनाव में मैं आपको चुनाव लड़वाऊंगा और मिलकर इस समस्या का समाधान करेंगे। हालांकि जब दोबारा महिलाओं ने वही मुद्दा उठाया, तो स्थानीय विधायक और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि यह बर्दाश्त नहीं करूंगा।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि राजनीति केवल विरोध के लिए नहीं बल्कि विकास के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं यहां पहली बार नहीं आया हूं, चार साल तक लगातार आऊंगा। मुझे आश्चर्य है कि पूरा गांव चुप है, लेकिन बीच में बात काटी जा रही है। ये व्यवहार ठीक नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा हमें भगवान ने सब कुछ दिया है, अब हमें जरूरत है समाज में विकास की राजनीति की। यदि गांव में आज तक सरकार की इतनी बड़ी टीम कभी नहीं आई, तो इसका सम्मान होना चाहिए।केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने यह बात मंच से तब कही जब महिलाएं बार-बार पानी की परेशानी दोहराती रहीं।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को यह भी जानना चाहिए कि वह उनके स्थानीय सांसद है और गुस्सा करने का अधिकार क्षेत्रीय जनता को दिया है उसके तहत अगर गुस्सा किया जाता है तो स्थानी यसंसद को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें कहना चाहिए कि मैं उनकी मांग के साथ हूं और आने वाले समय में समस्या का समाधान करूंगा। सार्वजनिक रूप से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का गुस्सा उचित नहीं कहा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव जी आपकोइस जानता नहीं जिताया है और यह सब अधिकार जनता केआधार पर मिला है। ऐसे में जनता को यह सब कहना आपका अधिकार क्षेत्र में नहीं हैबल्कि उन्हेंकहना चाहिए कि पूर्व में काम नहीं हुआ मैं आपका काम करूंगा और पानी समस्या का समाधानकरूंगा।