टोंक जिले के दत्तवास उपतहसील कार्यालय के पास स्थित स्मारक स्थल पर आदिवासी समाज के महानायक बिरसा मुंडा और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं खंडित मिलने पर स्थानीय ग्रामीणों और समाजजनों में आक्रोश फैल गया। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए और पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
सोमवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के लिए जब लोग स्मारक स्थल पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का चश्मा टूटा हुआ है, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। प्रदर्शनकारियों ने प्रतिमा खंडित करने वालों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।
इस दौरान दत्तवास थानाधिकारी कालूराम जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने उनकी एक नहीं सुनी। इसके बाद निवाई उपखंड अधिकारी सुरेश कुमार हरसोलिया, निवाई थानाधिकारी रामजीलाल बैरवा, सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों से बातचीत कर मामला शांत करने का प्रयास किया।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन उपखंड अधिकारी को सौंपा, जिसमें शामिल थे:
प्रतिमा खंडित करने वालों की तुरंत गिरफ्तारी
नई प्रतिमा की शीघ्र स्थापना
आरोपियों पर सख्त कार्रवाई
स्मारक स्थल पर स्थायी सुरक्षा व्यवस्था
प्रशासनिक लापरवाही के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि,
"घटना के पीछे एक जमीन विवाद सामने आया है। जिस भूमि पर प्रतिमाएं लगी थीं, वह एक व्यक्ति की खातेदारी भूमि है।"
पुलिस ने 3–4 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है। साथ ही, पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों को आश्वस्त किया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और समाज के सम्मान के प्रतीकों की सुरक्षा प्राथमिकता रहेगी