जयपुर।विज्ञान भारती राजस्थान, जयपुर प्रांत का परिचय एवं अभिविन्यास कार्यक्रम आज आर. ए. पोद्दार मैनेजमेंट संस्थान, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में भव्य रूप से संपन्न हुआ। कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. शिव कुमार शर्मा के सान्निध्य और मार्गदर्शन में किया गया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य उपस्थित विद्वतजनों, शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और प्रशासनिक अधिकारियों को विज्ञान भारती (स्वदेशी विज्ञान आंदोलन) की कार्यशैली, उद्देश्य, और विविध गतिविधियों एवं आयामों से परिचित कराना था। विज्ञान भारती भारत में विज्ञान के स्वदेशीकरण और सामाजिक सरोकारों के साथ वैज्ञानिक चेतना के विकास हेतु सक्रिय संगठन है।
कार्यक्रम में विज्ञान भारती राजस्थान के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौड़, सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पी.सी. पंचारिया, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के पूर्व सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा, तथा अनेक कुलपति, विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख वैज्ञानिकों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
प्रमुख अतिथियों में शामिल रहे:
प्रो. पी.सी. त्रिवेदी (पूर्व कुलपति, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर)
प्रो. कल्पना कटेजा (कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय)
प्रो. संजीव शर्मा (कुलपति, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर)
प्रो. बलराज सिंह (कुलपति, श्रीकर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर)
प्रो. विष्णु शर्मा (पूर्व कुलपति, राजस्थान पशु विज्ञान विश्वविद्यालय)
प्रो. अमित जैन (कुलपति, एमिटी यूनिवर्सिटी, जयपुर)
प्रो. सोमदेव शतांशु (कुलपति, अपेक्स यूनिवर्सिटी)
डॉ. रवि प्रकाश (निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग)
डॉ. ओ.पी. शर्मा (संयुक्त निदेशक, SMS मेडिकल कॉलेज)
डॉ. लोकेंद्र (राज हेल्थ यूनिवर्सिटी)
अजय शर्मा (निदेशक, पेट्रोलियम एंड गैस)
कैलाश मिश्रा (उप निदेशक, DST-GOR)
डॉ. केजी शर्मा (प्राचार्य, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, जयपुर)
डॉ. केशव बड़ाया (चेयरपर्सन, विल्फ्रेड सोसाइटी)
डॉ. राघव प्रकाश (चेयरपर्सन, परिस्कार ग्रुप)
डॉ. भवानी शंकर शर्मा (प्रेसिडेंट, लॉर्ड्स यूनिवर्सिटी, अलवर)
प्रो. ओपी गुप्ता (वाइस प्रेसिडेंट, श्रीधर यूनिवर्सिटी)
कार्यक्रम में विज्ञान भारती राजस्थान की प्रांतीय कार्यकारिणी, विभिन्न जिलों से आए जिला संयोजक, और राजकीय एवं निजी संस्थानों के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान विज्ञान भारती की आगामी योजनाओं, युवा वैज्ञानिक प्रोत्साहन गतिविधियों, और स्थानीय विज्ञान अभियान को लेकर विचार-विमर्श हुआ।
इस आयोजन ने राज्यभर में विज्ञान भारती की भूमिका और वैज्ञानिक समाज के साथ इसके संबंधों को और भी अधिक सशक्त किया।