प्रयागराज, महाकुंभ 2025 – बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने आध्यात्मिक जीवन की राह अपनाते हुए किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर का पद ग्रहण किया। शुक्रवार को प्रयागराज में संगम तट पर उन्होंने पिंडदान किया और अब वे "यामाई ममता नंद गिरी" के नाम से जानी जाएंगी। उनका पट्टाभिषेक किया।
53 वर्षीय ममता कुलकर्णी शुक्रवार सुबह महाकुंभ के किन्नर अखाड़े में पहुंचीं। वहां उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक महामंडलेश्वर बनने को लेकर चर्चा हुई, जिसके बाद किन्नर अखाड़े ने उन्हें यह पदवी देने का ऐलान किया।
लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के पास ले जाकर उनका परिचय कराया। वहां उनके महामंडलेश्वर बनने की औपचारिकताएं शुरू हुईं। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम को लेकर किन्नर अखाड़े ने गोपनीयता बनाए रखी है।
ममता कुलकर्णी ने साध्वी का रूप धारण कर महाकुंभ में कदम रखा। वे भगवा वस्त्रों में नजर आईं, गले में रुद्राक्ष की दो बड़ी मालाएं और कंधे पर भगवा झोला लिए हुए थीं। इस नए रूप ने उन्हें आध्यात्मिक पथ पर चलते हुए एक नई पहचान दी है।
किन्नर अखाड़ा आध्यात्मिक और धार्मिक संगठनों में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। यह समुदाय के उपेक्षित वर्ग को सामाजिक और धार्मिक सम्मान दिलाने का प्रयास करता है। ममता कुलकर्णी का इसमें शामिल होना न केवल अखाड़े के लिए बल्कि आध्यात्मिकता में उनकी व्यक्तिगत रुचि को भी दर्शाता है।