Wednesday, 05 February 2025

केंद्रीय संगठन नाराज, भाजपा में मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन पर विवाद: 5 निर्वाचन निरस्त, 16 पर रोक


केंद्रीय संगठन नाराज, भाजपा में मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन पर विवाद: 5 निर्वाचन निरस्त, 16 पर रोक

भाजपा में संगठन के चुनावों के दौरान मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रदेश अपील समिति ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच मंडल अध्यक्षों का निर्वाचन निरस्त कर दिया और 16 मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन पर अंतरिम रोक लगा दी है।

निर्वाचन निरस्त: उम्र छिपाने और दस्तावेजों में गड़बड़ी के आरोप: प्रदेश अपील समिति के सह संयोजक योगेंद्र तंवर ने बताया कि बीजेपी में मंडल अध्यक्ष पद के लिए आयु सीमा 45 वर्ष तय है। जिन निर्वाचनों को रद्द किया गया है, उनमें संबंधित उम्मीदवारों ने अपनी उम्र को छिपाकर गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए।

इन मंडल अध्यक्षों का निर्वाचन हुआ निरस्त:

गोविंद राम कुमावत (थानागाजी, अलवर दक्षिण)

विजेंद्र सिकरौदा (उज्जैन, भरतपुर)

प्रवीण दवे (भीनमाल नगर, जालौर)

जीवन सिंह (डबोक, उदयपुर देहात)

प्रताप परमार (पोसलिया, सिरोही)

16 मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन पर अंतरिम रोक: प्रदेश अपील समिति के संयोजक घनश्याम तिवाड़ी ने बताया कि 16 मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन पर अंतरिम रोक लगाई गई है। इनके खिलाफ विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें निर्वाचन प्रक्रिया में अनियमितताएं और पद का अनुभव न होना शामिल हैं।

जिन मंडलों पर रोक लगाई गई है:

  • जयपुर शहर: जलमहल, पौंड्रिक

  • जयपुर देहात: चौमूं नगर

  • भरतपुर: सेवर, रूदावल

  • सिरोही: डूंगरखेड़ा

  • अलवर दक्षिण: मालाखेड़ा

  • चूरू: रतनगढ़

  • बीकानेर शहर: रानीबाजार, जूनागढ़, पुराना शहर, जस्सूसर, नया शहर

  • बूंदी: इंद्रगढ़ ग्रामीण

  • हनुमानगढ़: संगरिया नगर

अनुचित उम्र: कुछ मंडल अध्यक्षों ने अपनी आयु अधिक दिखाकर निर्वाचन करवाया।

अनुभव की कमी: शिकायतों के अनुसार, कुछ निर्वाचित मंडल अध्यक्ष कभी भी मंडल के किसी पद पर नहीं रहे।

निर्वाचन प्रक्रिया में अनियमितता: कुछ मंडलों में चुनावी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।

प्रथम दृष्ट्या शिकायतें सही पाई गई हैं, और जांच जारी है। अंतिम निर्णय जांच पूरी होने के बाद लिया जाएगा।भाजपा के वरिष्ठ नेता और संगठन के पदाधिकारी इस विवाद को गंभीरता से ले रहे हैं। अपील समिति का यह कदम पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया है।

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