Tuesday, 07 January 2025

रींगस-खाटूश्यामजी रेल प्रोजेक्ट भूमि विवाद में उलझा, 2026 तक पूरा होने पर संदेह


रींगस-खाटूश्यामजी रेल प्रोजेक्ट भूमि विवाद में उलझा, 2026 तक पूरा होने पर संदेह

रींगस से खाटूश्यामजी के बीच प्रस्तावित 17.9 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने का सपना फिलहाल अधूरा नजर आ रहा है। 254.06 करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने पिछले साल मार्च में मंजूरी दी थी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मई-जून 2026 तक प्रोजेक्ट पूरा कर रेल सेवा शुरू करने का दावा किया था, लेकिन भूमि अवाप्ति में भारी विरोध के चलते प्रोजेक्ट पर अभी ब्रेक लग गया है।

प्रोजेक्ट की प्रगति और बाधाएं: तेजी से शुरू हुआ काम:बजट पास होने के बाद उत्तर पश्चिम रेलवे ने सर्वे और अधिसूचनाओं का कार्य प्रारंभ किया। 8 अगस्त 2023 को भूमि अधिग्रहण को लेकर अधिसूचना जारी की गई। प्रशासन ने नगरपालिका और ग्राम पंचायतों की बैठक आयोजित कर भूमि मालिकों को नोटिस दिए।

भूमि अवाप्ति में भारी विरोध:भूमि मालिकों ने रेलवे लाइन के लिए अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया।कई ग्राम पंचायतों और स्थानीय निवासियों ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया।

प्रोजेक्ट पर असर:भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अटकने से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।रेल मंत्री द्वारा दिए गए 2026 तक प्रोजेक्ट पूरा करने के दावे पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।

भूमि मालिकों का विरोध:भूमि मालिकों का कहना है कि उनकी आजीविका का मुख्य साधन कृषि है, और भूमि अधिग्रहण से उनका भविष्य प्रभावित होगा।

स्थानीय नेताओं की मांग:परियोजना के लिए उचित मुआवजा और पुनर्वास योजना की मांग की जा रही है।

प्रशासन और रेलवे विभाग का रुख: रेलवे विभाग और स्थानीय प्रशासन परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण विवाद को सुलझाने के लिए संवाद और समझौता का रास्ता अपनाया जाएगा।


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