जयपुर: राजस्थान में 158 शहरी निकायों के चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इनमें 49 मौजूदा और 109 नवगठित निकाय शामिल हैं। स्वायत्त शासन विभाग ने परिसीमन प्रक्रिया को 21 मार्च तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस दौरान भाजपा, निकाय चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए माइक्रो लेवल मॉनिटरिंग पर काम कर रही है।
परिसीमन प्रक्रिया का संशोधित कार्यक्रम: वार्डों की परिसीमन के प्रस्ताव तैयार करना और प्रकाशन: 1 दिसंबर से 20 जनवरी तक।
परिसीमन के प्रस्ताव पर आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित: 21 जनवरी से 9 फरवरी तक।
आपत्तियां और सुझाव के साथ प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजना: 10 फरवरी से 1 मार्च तक।
राज्य सरकार स्तर पर निस्तारण और अनुमोदन:2 मार्च से 21 मार्च तक।
निकायों का वर्तमान प्रबंधन: प्रदेश के 49 शहरी निकाय फिलहाल प्रशासकों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।इन निकायों में 5 नगर निगम, 18 नगर परिषद, और 26 नगर पालिकाएं शामिल हैं।पिछले वर्ष 25 नवंबर को इन निकायों के बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो चुका है।
भाजपा की रणनीति:भाजपा निकाय चुनावों के लिए माइक्रो लेवल मॉनिटरिंग का मैकेनिज्म तैयार कर रही है।पार्टी का लक्ष्य छोटे से छोटे निकाय में अपना दबदबा बनाना है।प्रदेशाध्यक्ष और मुख्यमंत्री स्थानीय नेताओं के साथ वन-टू-वन मीटिंग कर सकते हैं।
एक राज्य-एक चुनाव पर विचार:राज्य सरकार की मंशा है कि सभी निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएं। इसके लिए विधि विभाग से राय मांगी गई है, लेकिन अब तक कोई उत्तर नहीं आया है।