जैसलमेर के मोहनगढ़ क्षेत्र के 27 बीडी चक तीन जोरावाला माइनर में शनिवार को ट्यूबवेल खुदाई के दौरान जमीन से तेज वेग से पानी का फव्वारा फूट पड़ा। यह सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। पानी के तेज प्रवाह के कारण खेत ने तालाब का रूप ले लिया, जिससे खेत में खड़ी जीरे की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई।
घटना का विवरण: स्थान: 27 बीडी, चक तीन जोरावाला माइनर, मोहनगढ़। ट्यूबवेल की गहराई: 850 फीट।
स्थिति:पानी का प्रवाह शनिवार को शुरू हुआ और सोमवारको भी उसी गति से जारी रहा।पानी के साथ भूमिगत चिकनी मिट्टी और काला रंग का पानी निकल रहा है।खेत में खड़ी फसलें जैसे जीरा, ईसबगोल, चना और सरसों को नुकसान होने की आशंका है।
प्रभाव:पानी के तेज प्रवाह के कारण ट्यूबवेल खुदाई मशीन और ट्रक गड्ढे में समा गए।खेत में जमा पानी से आसपास के किसानों की फसलें नष्ट होने की संभावना बढ़ गई है।चिकनी मिट्टी और काले पानी की परत फसलों के लिए हानिकारक साबित हो रही है।
प्रशासन और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया: प्रशासन की कार्रवाई:उप तहसीलदार ललित चारण और पुलिस की टीम ने घटनास्थल पर निगरानी शुरू कर दी है।ऑयल इंडिया, ओएनजीसी, और केयर्न एनर्जी की टीमें मौके पर पहुंचीं और पानी व मिट्टी के सैंपल लिए।
भू-जल वैज्ञानिक डॉ. नारायणदास इणखिया:पानी के साथ गैस और चिकनी मिट्टी निकल रही है।यह स्थिति फसलों के लिए बेहद नुकसानदायक है। सैंपल की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
किसानों की चिंताएं:पानी का प्रवाह यदि जारी रहता है, तो आस-पास के खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो सकती हैं।किसानों को डर है कि पानी मुरब्बे दर मुरब्बे फैल सकता है, जिससे बड़े पैमाने पर नुकसान होगा।
अगले कदम: सैंपल की जांच के बाद वैज्ञानिक और प्रशासनिक टीम आगे की कार्रवाई करेगी।प्रशासन ने घटनास्थल पर निगरानी के लिए टीमों को तैनात किया है।