Sunday, 22 December 2024

जयपुर में 'पधारो म्हारे देश भारत' शिखर सम्मेलन: सांस्कृतिक धरोहर, पर्यावरणीय स्थिरता और नवाचार का संगम


जयपुर में 'पधारो म्हारे देश भारत' शिखर सम्मेलन: सांस्कृतिक धरोहर, पर्यावरणीय स्थिरता और नवाचार का संगम

जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में शुक्रवार को भव्य आयोजन के साथ 'पधारो म्हारे देश भारत' शिखर सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। दो दिवसीय इस सम्मेलन का आयोजन नार्ली ट्रूप ग्लोबल फेडरेशन ने किया, जिसका उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना, पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना, और युवाओं को सशक्त बनाना है।

केंद्रीय पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उद्घाटन करते हुए कहा, "यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो 'मेरा देश, मेरी ज़िम्मेदारी, मेरा गौरव' के मंत्र को साकार करता है।"

उन्होंने देश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने और युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। शेखावत ने 'क्लीन एयर एंड ब्लू स्काईज' अभियान की सराहना की, जिसके तहत 50,000 फलदार वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

कार्यक्रम के मुख्य बिंदु:अमरजीत सिंह नार्ली का विज़न: नार्ली ट्रूप ग्लोबल फेडरेशन के अध्यक्ष अमरजीत सिंह नार्ली ने सम्मेलन के उद्देश्यों को साझा करते हुए कहा कि इस मंच का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संरक्षित करना है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है।

उन्होंने इस आयोजन को आधुनिकता और परंपरा का संगम बताते हुए कहा कि यह पहल भारत की सांस्कृतिक परंपराओं को नई दिशा देगा।

सम्मेलन की थीम और कार्यक्रम सार: पहला दिन (21 दिसंबर 2024): थीम: "भारत की खोज: प्राचीन परंपराएं आधुनिक समय में"। प्रारंभ: गार्ड ऑफ ऑनर, तिलक समारोह और लोक संगीत।

पैनल चर्चा:सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक समय का दृष्टिकोण।युवा नेतृत्व और ग्रामीण सशक्तिकरण।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और पुरस्कार वितरण। दूसरा दिन (23 दिसंबर 2024):थीम: "भारत के सांस्कृतिक उत्थान और स्थिर भविष्य के लिए वैश्विक नेतृत्व"।युवा संवाद: पर्यटन और स्थिरता के लिए सशक्त विचार।

पैनल चर्चा:सांस्कृतिक संरक्षण में व्यवसायों की भूमिका।

कार्यक्रम में हवामहल विधायक बालमुकुन्दाचार्य, आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी, और सनातन आंदोलन से जुड़े जय आहूजा ने भी भाग लिया।

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