संसद के शीतकालीन सत्र का 11वां दिन विपक्ष और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे का गवाह बना। INDIA ब्लॉक ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस, टीएमसी, आप, सपा, डीएमके, सीपीआई, सीपीआई-एम और आरजेडी सहित 60 सांसदों ने राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी पीसी मोदी को इस प्रस्ताव का नोटिस दिया।
विपक्ष ने धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन चलाने का आरोप लगाया है।
लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा: मंगलवार को 11 बजे दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई। लोकसभा: अडाणी-जार्ज सोरोस मुद्दे पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक और फिर बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा: अविश्वास प्रस्ताव और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए माहौल गरम रहा। कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
सरकार और विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा किकिसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है। सपा, टीएमसी और कांग्रेस के सांसद चर्चा चाहते हैं, लेकिन राहुल गांधी संसदीय कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहते।"
रिजिजू ने आरोप लगाया कि "राहुल गांधी का संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं है।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अधिकांश सांसद चर्चा के पक्ष में हैं, लेकिन राहुल गांधी के रवैये से बाधा उत्पन्न हो रही है।
कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हम रोज सदन में चर्चा की कोशिश करते हैं, लेकिन सरकार किसी न किसी बहाने सदन को स्थगित करा देती है। सरकार चर्चा से भाग रही है।"
अविश्वास प्रस्ताव के मायने: राज्यसभा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव जगदीप धनखड़ के कार्यों पर असंतोष व्यक्त करता है। विपक्ष का कहना है कि सभापति के नेतृत्व में सदन निष्पक्ष तरीके से नहीं चल रहा है। यह प्रस्ताव INDIA ब्लॉक की एकजुटता को दिखाने का भी प्रयास है।
संसद में गतिरोध की स्थिति:संसद का शीतकालीन सत्र कई महत्वपूर्ण विधेयकों और मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया था। लेकिन सरकार और विपक्ष के बीच लगातार टकराव के कारण कार्यवाही बाधित हो रही है। विपक्ष अडाणी-जार्ज सोरोस मामले और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है। सरकार का कहना है कि विपक्ष चर्चा के बजाय हंगामे का सहारा ले रहा है