राजस्थान विधानसभा में ई-विधान परियोजना के तहत सदन और सचिवालय को डिजिटल और पेपरलैस बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बुधवार को विधानसभा के डिजिटल कार्यों का अवलोकन किया और परियोजना को 31 दिसंबर 2024 तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र पूरी तरह पेपरलैस होगा और सदन का नया स्वरूप देखने को मिलेगा।
ई-विधान परियोजना के प्रमुख पहलू: आई-पैड की सुविधा:सदन में प्रत्येक विधायक की सीट पर आई-पैड स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, हर विधायक को उनके आवास पर लैपटॉप और प्रिंटर भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस परियोजना पर कुल ₹12.61 करोड़ की लागत आएगी, जिसमें 60% हिस्सेदारी केंद्र सरकार और 40% हिस्सेदारी राज्य सरकार की है।
नेवा प्रोजेक्ट:नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) के तहत सदन की कार्यवाही, विधेयकों, रिपोर्ट्स, प्रश्न और उनके उत्तर, समितियों की रिपोर्ट और डिजिटल लाइब्रेरी की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
ई-विधान एप एंड्रॉइड और आईओएस पर उपलब्ध होगा।मीडिया, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों को भी इस एप से विधानसभा से संबंधित जानकारी आसानी से मिल सकेगी।
प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता:विधायकों, अधिकारियों, और कर्मचारियों को नेवा मॉड्यूल्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा।विधानसभा में ई-लर्निंग और ई-फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा।प्रशिक्षण सामग्री अंग्रेजी, हिंदी, और क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी।
समीक्षा और प्रगति:अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि वे परियोजना की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। विदेश यात्रा के दौरान भी उन्होंने प्रतिदिन इस परियोजना की रिपोर्ट ली और ऑनलाइन निरीक्षण किया।
कार्य में पारदर्शिता:सभी विधेयक, रिपोर्ट्स, और कार्यवाही ऑनलाइन उपलब्ध होने से पारदर्शिता बढ़ेगी।
डिजिटल सुगमता: विधायकों और अधिकारियों को कार्य करने में तकनीकी सहायता मिलेगी, जिससे उनकी दक्षता में सुधार होगा।