राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने गुरुवार को राजस्थान जैन सभा द्वारा आयोजित 'अहिंसा पर्व वर्ष 2551' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान महावीर के अहिंसा, अपरिग्रह, और सभी जीवों के प्रति करुणा के संदेश को आज के समय में प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर का 'जिएं और जीने दो' का सिद्धांत मानवता के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण है और इसे सभी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
राज्यपाल बागडे ने जैन धर्म के तीर्थंकरों की परंपरा और भगवान महावीर की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिखाए गए अहिंसा, अपरिग्रह, और अनेकांत के मार्ग पर चलकर हम सभी को शुद्ध और सही जीवन जीने की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव के 2500 वर्ष पूरे होने पर हम उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाएं और भारत के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करें।
इससे पहले राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन ने 'अहिंसा पर्व' की विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की और इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला। राज्यपाल बागडे ने जैन मुनियों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया और भगवान महावीर के निर्वाणोत्सव को 'अहिंसा पर्व' के रूप में मनाने की पहल की सराहना की।