कैसे हुई गड़बड़ी का खुलासा?
आरपीएससी ने 14 मई 2023 को राजस्व अधिकारी (आरओ) सेकेड ग्रेड और अधिशासी अधिकारी (ईओ) चतुर्थ लेवल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। दिसंबर 2023 में काउंसलिंग के दौरान आरपीएससी अधिकारियों ने पात्रता जांच शुरू की, जिसमें अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ और काउंसलिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी पाए जाने पर संदेह हुआ।
मास्टरमाइंड और ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल: जांच में पता चला कि मास्टरमाइंड पोरव कालेर और तुलछाराम कालेर ने अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए उत्तर पहुंचाए। एसओजी ने इस नकल तंत्र की गहन जांच की और अब तक 23 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
एसओजी की छापेमारी और गिरफ्तारी:एसओजी ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर संदिग्धों को पकड़ा: नागौर: 9 टीमों ने मेड़ता खजवाना से 5 संदिग्धों को पकड़ा। चूरू: 2 टीमों ने 1 संदिग्ध युवती को पकड़ा। जयपुर: 1 युवती पकड़ी गई। हनुमानगढ़: 2 टीमों ने 2 युवकों को पकड़ा। बीकानेर: 8 टीमों ने 1 युवती सहित 8 संदिग्धों को पकड़ा। जोधपुर: 4 टीमों ने 2 युवतियों सहित 4 संदिग्धों को पकड़ा। सीकर: 1 टीम ने 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
नकल तंत्र का दायरा और जांच की दिशा: इस नकल तंत्र का नेटवर्क प्रदेश के विभिन्न जिलों में फैला हुआ था। एसओजी ने बताया कि यह मामला केवल अभ्यर्थियों की भर्ती से जुड़ा नहीं, बल्कि यह परीक्षा प्रणाली में गहरी सेंध का संकेत है।
एसओजी अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है। अन्य संदिग्धों और इस नकल तंत्र से जुड़े व्यक्तियों की पहचान की जा रही है।
यह घटना न केवल परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, बल्कि उन उम्मीदवारों के लिए भी चिंता का विषय है, जिन्होंने अपनी मेहनत से परीक्षा दी। प्रशासन को ऐसी घटनाओं से सख्ती से निपटने और परीक्षा प्रणाली को सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस मामले ने राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है।