राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम में आयोजित 'आदि गौरव सम्मान समारोह' में आदिवासी समाज को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा ही उन्नति का सबसे बड़ा साधन है। उन्होंने अपने जीवन का अनुभव साझा करते हुए कहा, "अगर मुझे छात्रावास की सुविधा नहीं मिलती तो मेरी पढ़ाई रुक सकती थी।"
राष्ट्रपति ने समाज के लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए अवसर दें। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी समाज के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी ताकि वे अपने जीवन में उन्नति कर सकें।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में आयोजित समारोह में अपने संबोधन के दौरान उन लोगों को बधाई दी, जिन्हें आदिवासी गौरव सम्मान से नवाजा गया। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर खुशी जाहिर की कि सम्मान पाने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा, "महिला का विकास समाज के विकास का आइना है।"
राष्ट्रपति ने आदिवासी समुदाय की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनजाति समाज के लोगों में अत्यधिक क्षमता है और उन्होंने हर क्षेत्र में अपना योगदान दिया है। उन्होंने यहां लगाई गई प्रदर्शनी का भी उल्लेख किया और कहा, "मैंने प्रदर्शनी देखी, महिलाएं और भाई-बहन सुंदर कलाकृतियां बनाना जानते हैं। इनके उत्पादों की मैं सराहना करती हूं।"
राष्ट्रपति मुर्मू ने मां बाड़ी योजना की माताओं और बच्चों से मिलकर अपनी प्रसन्नता भी व्यक्त की। उन्होंने खिलाड़ियों में सुनीता मीणा के कैप्टन बनने पर भी खुशी जाहिर की और उन्हें बधाई दी।
इसके अलावा, राष्ट्रपति ने राजीविका सखियों की विशेष रूप से सराहना की और उन्हें चेक प्रदान करने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने अन्य महिलाओं को भी प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें भी चेक मिलेंगे, अगर वे इसी तरह प्रयास करती रहेंगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में आयोजित आदिवासी गौरव सम्मान समारोह में मानगढ़ धाम को पवित्र भूमि बताते हुए इसे नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा, "यह धरती हमें सिखाती है कि समाज के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए।" उन्होंने गोविंद गुरु के योगदान को याद करते हुए कहा कि गोविंद गुरु ने आजादी के लिए अपना सब कुछ समर्पित किया था। मुख्यमंत्री ने धाम के विकास के लिए 5 करोड़ रुपये की घोषणा की और यहां एक पुलिस चौकी की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने त्रिपुरा सुंदरी, मानगढ़ और बेणेश्वर को जोड़ते हुए एक पर्यटन सर्किट बनाया है, जो इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाओं को बढ़ावा देगा।
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने आदिवासी समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे प्रकृति के संरक्षक हैं और उनकी संस्कृति और परंपरा से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा जनजाति कल्याण मंत्रालय की स्थापना का जिक्र करते हुए कहा कि आदिवासी समुदाय के संरक्षण और उनके कल्याण के लिए लगातार काम हो रहे हैं।
टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने इस अवसर पर गोविंद गुरु के नेतृत्व में हुए महायज्ञ और अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों की कहानी सुनाई। उन्होंने मुख्यमंत्री से धाम के विकास के लिए विशेष सौगात देने का अनुरोध किया, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने धूणी के लिए 5 करोड़ रुपये और पुलिस चौकी की घोषणा की।