जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को जयपुर में पूर्व विधायकों के कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हालिया बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि "अगर राज्य सरकार केंद्र के अनुरूप नहीं है तो केंद्र पर आरोप लगाना एक परिपाटी बन गई है।" उन्होंने कहा, “मैं न किसी के दबाव में आता हूं, न किसी पर दबाव डालता हूं।”
यह टिप्पणी उपराष्ट्रपति ने जयपुर स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में पूर्व विधायक संघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके राजस्थान से गहरे संबंध हैं और राजस्थान का व्यक्ति दबाव में नहीं आता। उन्होंने कहा, “लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दबाव में आ ही नहीं सकते। राजस्थान का पानी पीने वाला व्यक्ति दबाव में आ ही कैसे सकता है?”
धनखड़ ने कहा कि प्रजातंत्र में प्रतिपक्ष कोई दुश्मन नहीं होता, बल्कि वाद-विवाद और संवाद ही लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होंने कहा कि अगर अभिव्यक्ति का स्तर ऐसा हो जाए कि दूसरे के मत का कोई मूल्य न रह जाए, तो लोकतंत्र की आत्मा ही खत्म हो जाती है।
कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा की ओर संकेत करते हुए धनखड़ ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत और विधायकी के दिनों को भी याद किया। उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री एसवी चव्हाण द्वारा प्रस्तुत आचार समिति की रिपोर्ट का उल्लेख किया जिसमें पूर्व विधायकों के सम्मान पर विशेष बल दिया गया था।
आगे बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि युद्ध नहीं, कूटनीति और चाणक्य नीति से समस्याओं का समाधान संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने राष्ट्रहित में अटल बिहारी वाजपेयी को देश का पक्ष रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर भेजा था, जो राष्ट्रीयता को प्राथमिकता देने का प्रतीक था।
धनखड़ ने चेताया कि “कई बार हम आवेश में आकर ऐसे बयान दे देते हैं जिससे देश की छवि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। देश के मामलों में राजनीति से ऊपर उठकर सोचना जरूरी है।”
राजस्थान की धरती की पहचान हैं महाराणा प्रताप और महाराजा सूरजमल। हाल की घटनाओं में उनकी वीरता फिर से याद आ गई — जब दुश्मनों के आतंकी ठिकानों पर करारा और सटीक प्रतिघात किया गया।
— Vice-President of India (@VPIndia) June 30, 2025
बहावलपुर और मुरीदके में जो सटीक आक्रमण हुआ यह एक स्पष्ट संदेश था, आतंकवाद किसी भी हालत में बर्दाश्त… pic.twitter.com/CCYnBQ1APo