जयपुर की प्रमुख गौशालाओं में आर्थिक अनियमितताओं का बड़ा मामला सामने आया है। महालेखाकार (CAG) की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर करीब ₹20 करोड़ की वित्तीय रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंगोनिया गौशाला से ₹1.31 करोड़ और पिंजरापोल गौशाला से ₹2.41 करोड़ की वसूली की सिफारिश की गई है।
रिपोर्ट में इन गौशालाओं के संचालन, चारा वितरण, देखरेख खर्च, और अनुदान के उपयोग में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और पारदर्शिता की कमी का उल्लेख किया गया है। महालेखाकार द्वारा की गई विस्तृत ऑडिट जांच में यह पाया गया कि कई मामलों में सरकारी अनुदानों का गलत उपयोग या अधूरी जानकारी के आधार पर खर्च किया गया।
इस खुलासे के बाद नगर निगम और संबंधित प्रशासनिक विभागों ने रिकवरी की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। उच्चाधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में यदि किसी प्रकार की जानबूझकर की गई गड़बड़ी सामने आती है, तो आपराधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
गौरतलब है कि जयपुर की हिंगोनिया गौशाला और पिंजरापोल गौशाला लंबे समय से राज्य सरकार और सामाजिक संगठनों के सहयोग से संचालित होती रही हैं, लेकिन इस प्रकार की वित्तीय अनियमितता से इनकी साख और संचालन व्यवस्था दोनों पर सवाल खड़े हो गए हैं।