Sunday, 15 June 2025

राजस्थान भाजपा में चार जिलाध्यक्षों की नियुक्ति लंबित, संगठनात्मक कार्यों में बढ़ रही देरी


राजस्थान भाजपा में चार जिलाध्यक्षों की नियुक्ति लंबित, संगठनात्मक कार्यों में बढ़ रही देरी

राजस्थान भाजपा संगठन में लंबे समय से चार जिलाध्यक्षों की नियुक्ति रुकी हुई है, जिससे पार्टी के आंतरिक संगठनात्मक कार्यों में देरी और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिन जिलों में अब तक अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो पाई है, वे हैं – दौसा, धौलपुर, झुंझुनूं और जोधपुर देहात उत्तर। इनकी नियुक्ति की जिम्मेदारी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को सौंपी गई है।

प्रदेश भाजपा में 44 संगठनात्मक जिले हैं, जिनमें से 40 जिलों में 31 जनवरी तक जिलाध्यक्षों का निर्वाचन हो चुका था। हालांकि, चार जिलों में नाम तय नहीं हो पाने के कारण वहां का संगठनात्मक ढांचा अधूरा पड़ा है।

जिलावार पेच और कारण: दौसा: पार्टी यहां ब्राह्मण समाज से जिलाध्यक्ष नियुक्त करना चाहती है, लेकिन स्थानीय विधायक और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा किसी एक नाम पर सहमत नहीं हो पा रहे। यहां अब तक केवल 13 मंडल अध्यक्ष बनाए गए हैं, जिनमें से दो को लेकर विवाद चल रहा है।

झुंझुनूं:पार्टी ओबीसी वर्ग से जिलाध्यक्ष चाहती है, लेकिन जाट बहुलता के चलते विवाद बना हुआ है। इसके अलावा विधायक राजेंद्र भांबू और पूर्व प्रत्याशी बबलू चौधरी के बीच चल रही खींचतान भी देरी की एक प्रमुख वजह है।

धौलपुर: भाजपा के पास जिले में कोई विधायक नहीं है और पिछले 20 वर्षों में यहां सिर्फ एक बार सीट जीती गई है। पार्टी यहां एससी या ओबीसी चेहरा आगे लाकर संगठन को मजबूत करना चाहती है, लेकिन मजबूत नेता का अभाव परेशानी का कारण बना हुआ है।

जोधपुर देहात उत्तर: यहां पहले से तय नाम को स्थानीय नेताओं द्वारा "बाहरी" बताकर विरोध कर दिया गया, जिससे जिलाध्यक्ष का निर्वाचन अटक गया।

मंडल और जिला कार्यकारिणी गठन में भी देरी: भाजपा के प्रदेश संगठन में करीब 1137 मंडल हैं, जिनमें से 60 को छोड़कर सभी में मंडल अध्यक्ष तो नियुक्त हो चुके हैं, लेकिन किसी की भी कार्यकारिणी अब तक घोषित नहीं हुई है। इसी प्रकार 40 जिलों में जिलाध्यक्ष बन गए हैं, मगर वहां भी जिला कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है। इससे जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष बिना टीम के ही संगठनात्मक कार्य कर रहे हैं, जिससे प्रभावी संचालन संभव नहीं हो पा रहा।


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