जयपुर। राजस्थान के पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के खिलाफ ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) में व्यवस्थापकों की नियुक्तियों में हुए फर्जीवाड़े को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ा कदम उठाया है। एसीबी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए राज्यपाल से अनुमति मांगी है, क्योंकि आंजना विधायक भी हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए संवैधानिक अनुमति जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में सहकारिता विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) की धारा 17-A के तहत जांच की मंजूरी सरकार पहले ही दे चुकी है। विभागीय जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि नियुक्तियों में प्रक्रियागत अनियमितताएं और पद का दुरुपयोग हुआ है।
एसीबी इसी तरह सहकारिता विभाग की तरह अब मिड डे मील योजना में भी गड़बड़ियों को लेकर एसीबी सक्रिय हो गई है। सूत्रों के अनुसार, मिड डे मील योजना में भी बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के चलते विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ जांच की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। एसीबी ने इस संबंध में तीन आईएएस अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की अनुमति मांगी है।
जहां सहकारिता विभाग के मंत्रियों और सचिवों द्वारा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति दे दी गई है, वहीं आईएएस अधिकारियों के मामले में यह फाइल फिलहाल कार्मिक विभाग में लंबित है।
राज्य में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर उठे इन मामलों से यह स्पष्ट है कि उच्च स्तर तक फैले भ्रष्टाचार को लेकर अब जांच एजेंसियां पूरी गंभीरता से काम कर रही हैं। अगर राज्यपाल से मंजूरी मिल जाती है, तो यह पहला मौका होगा जब पूर्व मंत्री आंजना के खिलाफ एसीबी सीधी कार्रवाई करेगी।