Saturday, 31 May 2025

सवाई मानसिंह अस्पताल में डॉक्टरों ने 14 वर्षीय छात्रा के पेट से निकाला 210 सेमी लंबा ट्राइकोबेज़ोआर


सवाई मानसिंह अस्पताल में डॉक्टरों ने 14 वर्षीय छात्रा के पेट से निकाला 210 सेमी लंबा ट्राइकोबेज़ोआर

जयपुर सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के डॉक्टरों ने एक असाधारण ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बरारा गांव की एक 14 वर्षीय किशोरी के पेट से 210 सेंटीमीटर लंबा ट्राइकोबेज़ोआर (बालों का गोला) सफलतापूर्वक बाहर निकाला है। चिकित्सा इतिहास में यह अब तक का दुनिया का सबसे लंबा ट्राइकोबेज़ोआर माना जा रहा है। इससे पूर्व तक 180 सेमी का केस विश्व रिकॉर्ड के रूप में दर्ज था।

किशोरी एक किसान परिवार से है और दसवीं कक्षा की छात्रा है। वह पिछले कई वर्षों से पिका (Pica) नामक मानसिक स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित थी, जिसमें व्यक्ति मिट्टी, लकड़ी, चॉक, धागे आदि खाने लगता है। यह आदत उसने छठी कक्षा में अन्य बच्चों को देखकर शुरू की थी।
लगातार पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद किशोरी को एसएमएस अस्पताल लाया गया। डॉ. जीवन कांकरिया ने जांच में पाया कि पेट में एक कठोर गांठ है, जो नाभि से लेकर दाएं ऊपरी पेट तक फैली हुई थी। सीईसीटी (Contrast Enhanced CT Scan) में यह स्पष्ट हुआ कि पेट अत्यधिक फूला हुआ है और उसके भीतर कुछ असामान्य वस्तु है।

तत्काल लैपरोटॉमी सर्जरी का निर्णय लिया गया। यह सर्जरी करीब दो घंटे चली और आश्चर्यजनक रूप से इसमें रक्त चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ी।
सर्जरी के दौरान पता चला कि यह ट्राइकोबेज़ोआर सिर्फ पेट तक सीमित नहीं था, बल्कि छोटी आंत तक फैला हुआ था। डॉक्टरों ने इसे एक ही टुकड़े में बाहर निकालने में सफलता पाई। यह एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि यदि यह टूटता, तो आंतों में कई चीरे लगाने पड़ते और स्थिति जटिल हो सकती थी।
डॉ. कांकरिया के साथ सर्जरी टीम में डॉ. राजेन्द्र बुगालिया, डॉ. देवेंद्र सैनी, डॉ. अमित, डॉ. सुनील चौहान और एनेस्थीसिया टीम ने समन्वय से काम किया। सहायक स्टाफ शायर और जुगन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है और वह तेजी से स्वस्थ हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते यह सर्जरी नहीं होती तो यह जानलेवा भी हो सकती थी।

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