Saturday, 31 May 2025

सूर्य की प्रथम किरण के साथ गूंजा राष्ट्रभक्ति का जयघोष — अजमेर में महाराणा प्रताप जयंती का भव्य आयोजन


सूर्य की प्रथम किरण के साथ गूंजा राष्ट्रभक्ति का जयघोष — अजमेर में महाराणा प्रताप जयंती का भव्य आयोजन

अजमेर जब सूर्य की पहली किरण धरती को स्पर्श कर रही थी, तब अजमेर की धरती पर राष्ट्रभक्ति और सनातन संस्कृति का अद्वितीय संगम देखने को मिला।” इसी भाव के साथ आज प्रातः सनातन धर्म रक्षा संघ, अजय मेरु राजस्थान के तत्वावधान में महाराणा प्रताप जयंती का भव्य आयोजन श्रद्धा, उत्साह और गौरव के साथ संपन्न हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 6:11 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधियों के साथ हुई, जब महाराणा प्रताप की प्रतिमा को भगवा शॉल, पुष्प माला और हल्दीघाटी की पावन माटी से तिलक कर नमन किया गया। इसके पश्चात सन्यास आश्रम से प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पूरा मार्ग “महाराणा प्रताप अमर रहें”, “जय सनातन धर्म” जैसे जयघोषों से गूंज उठा।

प्रभात फेरी में अखिल भारतीय संत समिति के सचिव महंत सेवानंद गिरी जी, साध्वी अनादि सरस्वती, महंत श्याम सुंदर शरण देवाचार्य सहित कई साधु-संतों ने भाग लिया और अपने ओजस्वी वक्तव्यों में महाराणा प्रताप के त्याग, स्वाभिमान और धर्मनिष्ठा को आधुनिक भारत के लिए प्रेरणा बताया। इस अवसर पर संतों का पुष्पवर्षा और माल्यार्पण से स्वागत किया गया।

संघ के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने कहा कि “यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति, सनातन संस्कृति और सामाजिक एकता का प्रतीक है।” कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मेश जैन ने की, जबकि मुख्य अतिथि रावत चंद्र सिंह चौहान (सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) थे।

विशिष्ट अतिथियों में डॉ. कुलदीप शर्मा, सामाजिक चिंतक देवेंद्र त्रिपाठी, इंजीनियर अशोक शर्मा, सरला शर्मा सहित कई प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित रहे। इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीतों ने माहौल को भावविभोर कर दिया।

पुष्कर के तीर्थ पुरोहित पं. चंद्रशेखर गौड़ के सान्निध्य में 11 पंडितों ने देव पूजन, शस्त्र पूजन, शास्त्र पूजन और देशभक्ति संकल्प का आयोजन किया। नाथद्वारा से एडवोकेट सुभाष गाडरी, गिरिराज सांचीहर, जस्सुलाल मोलेला गाडरी ने हल्दीघाटी की माटी लेकर अजमेर पहुंचकर आयोजन को विशेष आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान की।

कार्यक्रम का दिव्य समापन नौसर माता मंदिर में आयोजित महाआरती से हुआ। शंखनाद, दीपों की ज्योति और भजन के स्वर से पूरा वातावरण भक्तिमय और राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत हो गया।

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