जयपुर सेंट्रल जेल से इलाज के बहाने कैदियों को बाहर निकालकर होटलों में पहुंचाने के मामले में लालकोठी थाना पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों में 5 पुलिसकर्मी, 4 आरोपी कैदी, और 4 परिजन अथवा सहयोगी शामिल हैं।
पुलिस जांच में सामने आया कि यह पूरी साजिश जेल प्रशासन, पुलिस गार्ड, डॉक्टरों और परिजनों की मिलीभगत से रची गई थी। योजना के तहत बंदियों को बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज की जगह होटलों में VIP ट्रीटमेंट दिया गया, जहां उनकी महिला मित्रों और परिवारजनों से मुलाकात करवाई गई।
गंभीर बात यह है कि यह फरारी कोई आकस्मिक अवसर नहीं बल्कि पूर्व नियोजित और सुनियोजित षड्यंत्र था। जांच में यह भी सामने आया कि पर्चियां पहले से कटवा कर, मेडिकल रेफरल दिलवाकर और लोकेशन ट्रैकिंग से बचने के लिए मोबाइल भी बंद करवाए गए थे।
पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क में शामिल जेल डॉक्टरों, जेल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी तह तक जांच कर रही है। सिंधी कैंप और एयरपोर्ट थानों की मदद से दोनों इलाकों से कैदियों और पुलिसकर्मियों को रंगे हाथों पकड़ा गया। इस मामले से राज्य की जेल प्रणाली की सुरक्षा और नैतिकता पर गंभीर सवाल उठे हैं। सूत्रों का कहना है कि कैदी अंकित, जो GST चोरी के मामले में बंद है, पहले भी इसी तरह SMS अस्पताल में महिला मित्र से मिला था।
अब पुलिस जेल से लेकर होटल तक के पूरे सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड और जेल के रजिस्टर की भी गहन जांच कर रही है। संभावना है कि अगले कुछ दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।