जयपुर में आर्किटेक्ट बिजनेसमैन भारत कुमार सैनी द्वारा अपार्टमेंट की 14वीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या करने के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। सुसाइड के अगले ही दिन मृतक के पिता और आरएस मुक्ताराव के बीच ₹40 लाख में राजीनामा हो गया है।
पिता बोले: पहले 10 लाख दे देती, तो बेटा बच जाता
राजीनामे के बाद भावुक पिता भानुप्रताप सैनी ने कहा कि अगर आरएस मुक्ताराव पहले ही ₹10 लाख दे देती तो आज मेरा बेटा जिंदा होता। वह बहुत तनाव में था।" उन्होंने बिंदायका थाने में FIR वापस लेने के लिए आवेदन भी दे दिया है।
बिंदायका पुलिस का कहना है कि दर्ज एफआईआर पर अभी भी जांच जारी है और मामले की निष्पक्षता से पड़ताल की जा रही है।
SHO विनोद वर्मा (बिंदायका थाना) के अनुसार:मृतक भारत कुमार सैनी (42), करधनी के गोविंदपुरा निवासी थे।वह गौरव डिजायनिंग नामक आर्किटेक्चर फर्म चलाते थे।शुक्रवार को उन्होंने सिरसी रोड की रॉयल ग्रीन सोसाइटी की 14वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें आरएस मुक्ताराव पर पैसे नहीं देने का उल्लेख था।
सुसाइड नोट और परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने "आत्महत्या के लिए उकसाने" की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के बीच 40 लाख रुपये में समझौता हो गया।FIR की वापसी के लिए मृतक के पिता ने आवेदन दिया, लेकिन क्रिमिनल केस होने के कारण पुलिस जांच जारी रखेगी।
यह मामला अब सिर्फ एक सुसाइड केस नहीं, बल्कि प्रशासन, न्याय व्यवस्था और सामाजिक दबाव के बीच संबंधों की परतें खोलता है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि "FIR भले ही निजी समझौते के आधार पर वापस लेने की कोशिश की जा रही हो, लेकिन आत्महत्या जैसी गंभीर धारा में पुलिस को स्वतंत्र रूप से जांच का अधिकार है।"