चुनाव आयोग ने देशभर के मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को आधार से जोड़ने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। आयोग ने इस प्रक्रिया को जल्द शुरू करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक करने की योजना बनाई है।
मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव और UIDAI के सीईओ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी मौजूद रहे। बैठक में आधार से मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने के सभी कानूनी और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई।
चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि अब तक 66 करोड़ से अधिक मतदाता अपने आधार कार्ड को स्वेच्छा से चुनाव आयोग को उपलब्ध करा चुके हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची में पारदर्शिता लाना और फर्जी मतदान को रोकना है।
आयोग ने इस फैसले के लिए संविधान के अनुच्छेद 326 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) का हवाला दिया। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के WP(Civil) No. 177/2023 के फैसले को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
✔️ फर्जी वोटिंग पर रोक लगेगी
✔️ मतदाता सूची में गड़बड़ियों का समाधान होगा
✔️ एक ही व्यक्ति के दो जगह से मतदान करने की समस्या खत्म होगी
✔️ राजनीतिक दलों द्वारा मतदाता सूची में अनियमितता की शिकायतें कम होंगी
चुनाव आयोग जल्द ही UIDAI के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ इस योजना पर काम शुरू करेगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह स्वैच्छिक होगी और किसी भी मतदाता के व्यक्तिगत डेटा को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
आयोग ने मतदाताओं से भी अपील की है कि वे अपनी पहचान को मजबूत करने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आधार को मतदाता पहचान पत्र से स्वेच्छा से लिंक कराएं।